वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
सूचनाजी न्यूज, दुर्गापुर। 24 अप्रैल 1960 में दुर्गापुर स्टील प्लांट में पहले इंगट की कास्टिंग की गई थी। हॉट मेटल से प्रोडक्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। तब से हर साल 24 अप्रैल को डीएसपी दिवस के रूप में मनाया जाता है। डीएसपी के लिए यह एक यादगार दिन है।
दुर्गापुर स्टील प्लांट में सोमवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। यूनियन सदस्यों और ऑफिसर्स एसोसिएशन के सदस्यों सहित प्लांट के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों के अन्य वर्गों आदि ने भाग लिया। स्टील टाउनशिप के आई-सेक्टर रोटरी स्थित वर्कर्स मेमोरियल में डीएसपी के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी गई। एक मिनट का मौन धारण किया गया। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। प्लांट स्थापना से लेकर अब तक शहीद हो चुके कार्मिकों को याद किया गया। ईडी वर्क्स दीप्तांशु घोष ने पहले माल्यार्पण किया। डायरेक्टर एमएंडएचएस डाक्टर सुबित राय सहित मेडिकल के स्टाफ भी पहुंचे। हर यूनियन से दो-दो पदाधिकारियों को बुलाया गया।

दुर्गापुर इस्पात कारखाना आजादी के बाद 10 लाख टन कच्चे इस्पात प्रति वर्ष की क्षमता से स्थापित किया गया था। बाद में इसकी क्षमता बढ़ाकर 1970 के वर्षों में 16 लाख टन कर दी गई। 1990 के प्रारम्भिक वर्षों में कारखाने के आधुनिकीकरण का एक विशाल कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया, जिससे इसकी क्षमता 20 लाख 88 हजार टन तप्त धातु, 18 लाख टन कच्चे इस्पात और 15 लाख 86 हजार टन विक्रेय इस्पात की हो गई। यह सम्पूर्ण कारखाना आईएसओ 9001: 2000 गुणवत्ता प्रबन्धन प्रणाली से प्रमाणित है।
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आधुनिकीकरण के बाद अब दुर्गापुर में इस्पात निर्माण के लिए अति आधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है। जिन यूनिटों का आधुनिकीकरण किया गया है उनमें उत्पादकता में सुधार, ऊर्जा की खपत में काफी कमी तथा बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार हो रहे हैं। दुर्गापुर इस्पात कारखाने का सम्पूर्ण इस्पात निर्माण कॉम्प्लेक्स तथा ब्लूमिंग एवं बिलेट मिल, मर्चेन्ट मिल, स्केल्प मिल, सेक्शन मिल और व्हील एवं एक्सल संयंत्र सहित सम्पूर्ण मिल क्षेत्र आईएसओ: 9002 गुणवत्ता विश्वसनीयता प्रमाणीकरण के अन्तर्गत आता है।

आधुनिकीकृत यूनिटों के सफलतापूर्वक चालू हो जाने के पश्चात दुर्गापुर इस्पात कारखाना अब 20 लाख 88 हजार टन तप्त धातु, 18 लाख टन कच्चा इस्पात और 15 लाख 86 हजार टन विक्रेय इस्पात का प्रति वर्ष उत्पादन करने के लिए तैयार है।
यह कारखाना कोलकाता से 158 किलोमीटर दूरी पर दामोदर नदी के किनारे स्थित है। मुख्य कोलकाता-दिल्ली रेलवे लाइन और ग्रांड ट्रंक रोड दुर्गापुर से होकर गुजरती हैं। दुर्गापुर कोलकाता-नई दिल्ली मुख्य रेल लाइन पर स्थित है। यह क्षेत्र की सबसे अधिक चहल पहल भरी नगरी के रूप में उभर रहा है। जहां कभी एक अन्जान सी बस्ती थी, आज उसकी जगह शैक्षणिक संस्थानों, आधुनिक शॉपिंग मॉल, नए ढंग के सिनेमाघर आदि ने ली है।
लोगों के सोचने के ढंग में परिवर्तन आ रहा है और इसी के साथ उनके जीवन और रहन सहन में भी बदलाव देखा जा सकता है। आज वे गुणवत्ता की मांग कर रहे हैं। बाजारों में जाने-माने ब्राण्ड अपनी जगह बना रहे हैं। दुर्गापुर तेजी से इस पूरे क्षेत्र का केन्द्र बिन्दु बन कर उभर रहा है। बड़े कारोबारी और उद्यमी नगर में प्रवेश कर रहे हैं तथा यहां के निवासियों के दृष्टिकोण तथा रहन सहन के ढंग में परिवर्तन स्पष्ट देखा जा सकता है।