
- 10 साल से मोदी सरकार ने ये मसला लटका कर रखा।
- न्यूनतम पेंशन 7500 रुपए की मांग की जा रही है।
- केंद्र सरकार और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ पर गुस्सा।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employee Pension SCheme 1995): ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन (EPS 95 Minimum Pension) आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए देशभर के कई शहरों में सेमिनार हो रहा है। एनएसी विभिन्न शहरों में सेमिनार आयोजित कर रही है, जिसकी जानकारी साझा की जा रही है।
एक पेंशनर ने कहा-इस महत्वपूर्ण समय में यह कम सार्थक कार्य होगा, जबकि हम इस अंतिम बजट सत्र में सरकार से पेंशन मुद्दे पर परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हों। कमांडर अशोक राउत को व्यक्तिगत रूप से और तत्काल विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मिलकर इस मुद्दे को वर्तमान संसद सत्र में उठाना चाहिए, जो 4 अप्रैल 2025 तक चलेगा। अब तो विशेष चर्चा हेतु स्थगन प्रस्ताव पारित कराने में भी हम विफल रहे हैं।
पेंशनभोगी ने कहा-मुझे समझ में नहीं आता कि हमारे लंबे समय से लंबित संवेदनशील मुद्दे पर निर्णय में देरी क्यों हो रही है। समय के साथ यह अब वृद्ध पेंशन भोगियों की भावनाओं के साथ एक मजाक बन गया है।
Mukund Pingale ने कहा-10 साल से मोदी सरकार ने ये मसला लटका कर रखा। दूसरी बात इतने सालों से पेंशनर आंदोलन कर रहे, लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही। कमांडर अशोक राउत अगर कह दे कि सब पेंशनर्स उनके फैमिली,रिश्तेदार सबने मोदी के विरोध में वोट करे तो एक भी पेंशनर्स पीछे नहीं हटेगा। ये ध्यान में रखो? क्यों कि उनके लिए लड़ने वाला एक ही आदमी है,जो कि अशोक राउत जी हैं।
स्वपन नाथ ने कहा-EPS 95 पेंशन (EPS 95 Pension) के लिए 78 लाख पेंशनभोगियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। पूरा एक सरकारी धोखा है।