कर्मचारी पेंशन स्कीम: EPFO ने खोला डिजिटल सिग्नेचर न अपनाने का राज, जानें बड़ी वजह

  • कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organisation) ने लोगों के प्रश्नों का दिया जवाब।

सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organisation) पर लगातार सवाल उठता है कि वह डिजिटल सिग्नेचर को लेकर आने वाली परेशानियों पर बड़ा कदम उठाने जा रहा है। इसका जवाब देने के लिए ईपीएफओ खुद सामने आया। और बारीकी से अपना पक्ष रखा।

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EPFO द्वारा अपने सदस्यों, पेंशन भोगियों के लिए जरूरत के हिसाब से जरूरी बदलाव किया जाता है। इन बदलावों का तभी सार्थक औचित्य है जब इससे जुड़े हुए लोग और लाभान्वितों को इसकी पूरी जानकारी हो पाए। इसी ही ध्यान में रखते हुए EPFO के द्वारा समय-समय पर विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी जाती है। ताकि जुड़ा हुआ हर व्यक्ति सभी स्कीम से पूरी तरह से परिचित हो पाए। हरेक विषय को केन्द्र में रखकर उससे एक्टपर्ट लाइव आकर लोगों की समस्याओं का हल करते है। इस दौरान लोग लाइव प्रश्न करते है, जिसका उन्हें समुचित उत्तर मिलता है।

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ऐसे ही बीते दिनों एक लाइव सेशन में PF के रीजनल कमिश्नर-1 (WPS) रामन धनशेखर ने पेंशनर्स की परेशानियों को सॉल्व किया।

लाइव सेशन में ईपीएफओ (EPFO) के एक सदस्य सूर्या बोरकर ने प्रश्न पूछा कि एंप्लॉयर जो अप्रूवल करता है जेडी को ऑनलाइन, उसके लिए डिजिटल सिग्नेचर क्यों नहीं आपने अनेबल किया है? क्या इसकी जरूरत है?

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इंसान के हस्ताक्षर में बदलाव आ जाते हैं…

इसका उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि दरअसल एक साल या दो साल में हमारा दस्तखत बदल जाता है। हर इंसान के सिग्नेचर में आमूलचूल बदलाव आ ही जाता है। पूर्व में किया हुआ हमारा ही सिग्नेचर नए सिग्नेचर से मेल नहीं खाता। ऐसे में ऑनलाइन सिस्टम में मामूली बदलावों को भी स्वीकार नहीं करेगा।

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डिजिटल मोड काम आसान करने के बजाय पेचीदा कर देगा…

ऑनलाइन मोड (Online Mode) में एक बार डिजिटल सिग्नेचर (Digital Signature) को फीड कर दिया गया तो एक्सेस करने से सिस्टम हमेशा वही सिग्नेचर मांगेगा, जिसे फीड किया गया है। जबकि यह संभव नहीं है। बदलाव होता ही है। नेचुरल चीज है। ऐसे में डिजिटल मोड काम आसान बनाने के बजाए और चीजों को और कठीन और पेचीदा कर देगा। इसलिए अब तक ऑनलाइन हस्ताक्षर या फिर डिजिटल सिग्नेचर को लागू नहीं किया गया है। भविष्य में इसके कुछ उन्नत प्रोसेस पर विचार किया जा सकता है।

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