- न्यूनतम पेंशन 10 हजार प्रति माह और साथ ही डीए और चिकित्सा सुविधा की मांग की जा रही है। कई बार ट्वीट किया गया और कम से कम महीने में दो बार पत्र लिखने की बात।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization), ईपीएस 95 पेंशन (EPS 95 Pension) और ईपीएफओ (EPFO) की कार्य प्रणाली सुर्खियों में है। पेंशनर्स पक्ष लगातार सरकार और ईपीएफओ को विपक्ष मान चुका है। जुबानी हमले तेज कर दिए गए हैं, जिसकी झलक सोशल मीडिया पर दिख रही है।
पेंशन आंदोलन के सदस्य शशि नायर लिखते हैं कि EPS 95 योजना (EPS 95 Scheme) के तहत साथी पेंशनभोगियों (Pensioners) के रूप में, हम मौजूदा पेंशन राशि से गुजारा करने में आपके सामने आने वाली चुनौतियों और कठिनाइयों को समझते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि न्यूनतम पेंशन के लिए हमारी मांगों को सुना जाए और संबंधित अधिकारियों द्वारा उन पर कार्रवाई की जाए। मोदी सरकार की गठबंधन पार्टी, विशेष रूप से टीडीपी और जेडीयू के सामने अब और मजबूती से आवाज उठानी है।
इस पर कमेंट करते हुए श्रीराम कल्लूरी ने लिखा-हर सदस्य प्रधानमंत्री को फिर से इस दयनीय स्थिति के बारे में लिखे, जिसमें लगातार अनुरोध किया जा रहा है कि कम से कम अब तो हमारी दयनीय स्थिति को सुधारा जाए। न्यूनतम पेंशन 10 हजार प्रति माह और साथ ही डीए और चिकित्सा सुविधाएं दी जाए। मैंने कई बार ट्वीट किया है और कम से कम महीने में दो बार नियमित रूप से पत्र भेजना चाहूंगा।
पेंशनर्स Mewaram Singh ने लिखा-इस सरकार में कुछ नहीं होने वाला…। वादा करके भी बड़ा पूरा नहीं करना यही सरकार का काम है। रिचर्ड फ्रीमैन ने लिखा-एनडीए ने हमेशा की तरह ईएफपीएस 95 पेंशनभोगियों से झूठ बोला कि सत्ता में आते ही पेंशन बढ़ा देंगे, 10 साल बीत गए, कुछ नहीं हुआ। वहीं, सुखबीर सिंह ने भी गुस्सा जाहिर करते हुए लिखा-अभी और भी लाभार्थियों की मौत होने वाली है। सरकार के लिए शर्म की बात है, क्योंकि वे सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को अप्रत्यक्ष रूप से नकार रहे हैं। हम उनकी दया पर निर्भर हैं।