सेक्टर 9 हॉस्पिटल के निजीकरण की तैयारियों के खिलाफ लोइमू ने निकाला मार्च, इस्पात सचिव को भेजा ये मांग पत्र

Employees March Against Preparations for Privatization of Sector 9 Hospital
  • सेक्टर-9 का जेएलएन अस्पताल वर्षों से कर्मचारियों, उनके परिवारों और आसपास के हजारों नागरिकों को भरोसेमंद चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करता आया है।

सूचनाजी न्यूज़, भिलाई। सेक्टर-9 स्थित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र (जेएलएन अस्पताल) के संभावित निजीकरण के खिलाफ कड़ा विरोध जताया जा रहा है। भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों की ओर से लोकतांत्रिक इस्पात एवं इंजीनियरिंग मजदूर यूनियन-लोइमू ने विरोध मार्च निकाला। जीएम मेडिकल मोहम्मद शाहिद को इस्पात सचिव को संबोधित मांग पत्र सौंपा। सुरेंद्र मोहंती, राजेंद्र परगनिहा, देवेंद्र कुमार सोनी के नेतृत्व में विरोध मार्च निकाला गया।

यूनियन ने इस संबंध में इस्पात मंत्रालय, भारत सरकार को ज्ञापन भेजकर अस्पताल को निजी हाथों में देने के प्रयासों को कर्मचारियों और आम जनता के साथ अन्याय बताया है।

यूनियन का कहना है कि भिलाई इस्पात संयंत्र न केवल इस्पात उत्पादन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी उसकी अहम भागीदारी रही है। सेक्टर-9 का जेएलएन अस्पताल वर्षों से कर्मचारियों, उनके परिवारों और आसपास के हजारों नागरिकों को भरोसेमंद चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करता आया है।

ज्ञापन में उल्लेख है कि प्रबंधन की ओर से अस्पताल संचालन का अध्ययन करने के लिए डेलॉयट कंपनी से रिपोर्ट मांगी गई है, जिससे निजीकरण की आशंका गहराती दिख रही है। यूनियन का आरोप है कि किसी भी प्रकार का निजीकरण मरीजों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ाएगा और आम नागरिकों की स्वास्थ्य सुविधाओं में कटौती करेगा।

यूनियन ने सरकार से मांग की है कि जेएलएन अस्पताल को किसी भी परिस्थिति में निजी हाथों में न सौंपा जाए।

अस्पताल की मौजूदा व्यवस्था को मजबूत किया जाए।

आवश्यकता होने पर सरकार हस्तक्षेप करते हुए आवश्यक कदम उठाए।

यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि अस्पताल को निजीकरण की दिशा में ले जाने का प्रयास किया गया, तो कर्मचारी संगठन बड़े आंदोलन की ओर बढ़ने को बाध्य होंगे।