
- सरकार अब व्यवसायी जैसा प्रदर्शन कर रही है।
- कर्मचारी अपने पूरे जीवन में विभिन्न संगठनों में सेवा करते रहे।
- घाटे और लाभ के बैलेंस शीट के बारे में कुछ नहीं जानते।
सूचनाजी न्यूज, रायपुर। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employee Pension Scheme 1995): पेंशनर्स की बस एक ही मुराद है कि उनकी न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए से बढ़ाकर 7500 रुपए कर दी जाए। साथ में महंगाई भत्ता और स्वास्थ्य सेवा को भी जोड़ा जाए। वहीं, हायर पेंशन के लाभ से वंचित किए जा रहे पेंशनर्स को उनका हक दिया जाए। लेकिन, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organisation (EPFO)) और सरकार के ऊपर अरोप है कि ईपीएस 95 पेंशनर्स को लेकर रवैया ठीक नहीं है।
ईपीएस 95 पेंशन राष्ट्रीय संघर्ष समिति रायपुर (EPS 95 Pension National Struggle Committee Raipur) के अध्यक्ष अनिल कुमार नामदेव का कहना है कि सरकार अब व्यवसायी जैसा प्रदर्शन कर रही है। कर्मचारी अपने पूरे जीवन में विभिन्न संगठनों में सेवा करते हुए घाटे और लाभ के बैलेंस शीट के बारे में कुछ नहीं जानते।
गणना उनके एक महीने के कोष तक सीमित है जिसे उनका वेतन कहा जाता है। उनके पास निवेश करने के लिए अपनी मेहनत और नौकरी के कौशल के अलावा कोई पूंजी नहीं है। उनके वेतन में एक भी रुपया कम होने पर उन्हें पूरे महीने कई ज़रूरतों को पूरा करना पड़ता है।
सेवानिवृत्ति के बाद उनके जीवन यापन की जो उम्मीद बची थी, उसे पेंशन के नाम पर कोष ने उनके बुढ़ापे में एक और अभिशाप साबित कर दिया है। पहले और अब भी दी जाने वाली पेंशन पर्याप्त नहीं है…। और सड़क किनारे हाथ में कटोरा लिए खड़ा एक आदमी भी सरकार द्वारा अपने सेवानिवृत्त लोगों को दिए जाने वाले वेतन से अधिक कमाता है। यह न केवल दयनीय है बल्कि वरिष्ठ नागरिकों के साथ एक मजाक है। शर्मनाक…।
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