- ‘कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम 1952…।
सूचनाजी न्यूज, रायपुर। EPF अधिनियम 1952 (EPF Act 1952) के तहत प्रतिष्ठानों का कवरेज आदि के बारे में आज विस्तार से बताएंगे। EPF क्या है? EPFO क्या है? क्या है इसकी आवश्यकता? कौन होता है इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित आदि-इत्यादि बातों का पूरा जवाब आपको @Suchnaji.com News पर मिलने वाला है।
साल 1952 में भारत सरकार (Govt of India) ने सामाजिक सुरक्षा देने वाली भविष्य निधि योजना (Provident Fund Scheme) की शुरुआत इस उद्देश्य से की थी कि संगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोग नौकरी से रिटायर होने के बाद भी आर्थिक रूप से सुरक्षित रहते हुए खुशहाल जिंदगी जी सकें।
इस योजना को लागू करने के लिए एक कानून बनाया गया, जिसका नाम है ‘कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम 1952 (Employees Provident Fund and Miscellaneous Provisions Act 1952)…।
यह कानून कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करने के साथ ही इसका उल्लंघन करने वाले नियोक्ता के खिलाफ कार्रवाई भी करता है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख समेत पूरे देश में यह कानून समान रूप से लागू है।
आइए जानते है इस अधिनियम के तहत तीन कौन-सी योजनाएं है, जिनसे आपको लाभ मिलता है और रिटायर होने के बाद भी आप आर्थिक रूप से मजबूत बने रहते है।
पहली योजना है: कर्मचारी भविष्य निधि योजना-EPF
इसमें आप नौकरी करते हुए भी अपने PF खाते से जरूरी कामों के लिए कुछ पैसा निकाल सकते हैं। मान लीजिए कि आपको बेटी की शादी करनी है या फिर घर में कोई गंभीर रूप से बीमार है तो उसके इलाज के लिए अपने खाते से कुछ पैसा निकाल कर अपनी जरूरत पूरी कर सकते हैं।
रिटायर होने के बाद तो आपको खाते में जमा सारा पैसा मिलेगा ही। नौकरी करते हुए अगर किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती हैं, तो उसके परिवार अथवा नामित व्यक्ति को PF का पूरा पैसा मिलता है।
दूसरी योजना : ‘कर्मचारी पेंशन योजना यानी’ (EPS)
इसे 1995 में लागू किया गया था। इसका फायदा यह है कि इसमें सेवानिवृत्ति होने के बाद सदस्य को हर महीने पेंशन मिलती है।
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तीसरी योजना: ‘कर्मचारी निक्षेप सहबद्ध बीमा योजना यानी’ EDLI
यदि नौकरी करते हुए किसी सदस्य की अचानक मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को बीमे का पैसा मिलता है।
अब आगे बताते है कि यह कानून किन प्रतिष्ठानों या फैक्ट्रियों पर लागू होता है। ऐसे सभी संस्थानों को अपने यहां इसे लागू करना अनिवार्य है, जहां 20 या उससे ज्यादा लोग काम करते है। ये उन सभी संस्थानों पर भी लागू होता है, जिन्हें केन्द्र सरकार आधिकारिक राजपत्र यानी गजट में अधिसूचित करती है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिनेमा-उद्योग के लिए यह कानून थोड़ा अलग हैं। वहां किसी प्रोडक्शन कंपनी या सिनेमा घर में अगर पांच लोग भी काम करते हैं, तो उस संस्थान को भी अपने यहां इस योजना को लागू करना होता है, जिस संस्थान में 20 से कम लोग काम करते हैं, तो वहां यह कानून लागू नहीं होगा।
लेकिन कोई नियोक्ता अगर चाहे तो वह अपनी इच्छा से इस योजना को लागू कर सकता है। पर, इसके लिए नियोक्ता और वहां के बहुमत कर्मचारियों का सहमित होना जरूरी है। सहमति होने पर नियोक्ता को EPFO में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन (Online Registration) करवाना होगा। उसके बाद वहां के कर्मचारियों को PF का लाभ मिलने लगेगा।
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यह अधिनियम ऐसी किसी भी संस्था पर लागू नहीं होता है, जो सहकारी समिति अधिनियम, 1912 के अंतर्गत रजिस्टर्ड है और जहां 50 से कम व्यक्ति काम करते है। इसके अलावा केन्द्र या राज्य सरकार के उन संस्थानों पर भी लागू नहीं होता जिसके कर्मचारी सरकार द्वारा बनाई गई किसी भी योजना या नियम के अनुसार PF के हिस्सेदार हैं या फिर वृद्धावस्था की पेंशन पाने के हकदार हैं।
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