- Steel Executive Federation of India-SEFI चेयरमैन व बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बंछोर भी सक्रिय।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। ईपीएस 95 हायर पेंशन (EPS 95 Higher Pension) पर सबकी नजर टिकी हुई है। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employees Pension Scheme 1995) के तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization) से उच्च पेंशन मिलनी है।
कार्मिकों की पेंशन गणना के अनुसार अधिकतम 55 हजार रुपए तक पेंशन बन रही है। जबकि, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority of India Limited) समेत तमाम पीएसयू की पेंशन रोक दी गई है।
भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के अधिकारियों और कर्मचारियों की तरफ से ज्वाइंट ऑप्शन फॉर्म जमा करने के बाद पैसा तक ईपीएफओ (EPFO) के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया था।
पीएफ ट्रस्ट का विवाद सामने आया। इसको गंभीरता से लेते हुए दिल्ली से ईपीएफओ को एक आदेश आया और पूरी प्रक्रिया ही रोक दी गई। जिन लोगों ने पैसा जमा कराया था, उनका पैसा वापस कर दिया गया।
भिलाई स्टील प्लांट के एक जनरल मैनेजर की बात करें तो उनको हायर पेंशन के लिए करीब 45 लाख रुपए जमा करना है। इसी साल से ही उनकी पेंशन चालू होनी है। करीब 55 हजार रुपए पेंशन बन रही है। फिलहाल, ऐसे अधिकारी और कर्मचारी हायर पेंशन के इंतजार में हैं।
2015-16 में रिटायर और पेंशन 36 हजार तक
भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai STeel Plant) की ट्रेड यूनियन सीटू (Trade Union CITU) के जनरल सेक्रेटरी जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी के मुताबिक सरकार और ईपीएफओ की ढिलाई से कार्मिक परेशान हो रहे हैं। कर्मचारियों को करीब 25 लाख तक एरियर मिलना है। साल 2015-16 में जिनका 58 साल पूरा हुआ, उनकी पेंशन करीब 36 हजार के आसपास बन रही है।
बीएसपी कार्मिकों की पेंशन गणना के बाद अलग-अलग ग्रेड के हिसाब से अलग-अलग राशि आई है। हम लोगों ने अब तक जितना पेंशन कैल्कुलेशन किया, उसमें सबसे ज्यादा करीब 55 हजार रुपए पेंशन एक जीएम की दिखी।
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और पेंशन का अधिकार
स्टील एक्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया-सेफी (Steel Executive Federation of India-SEFI) चेयरमैन व बीएसपी आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बंछोर का कहना है कि हम लोग लगातार प्रयास कर रहे हैं। ईपीएस 95 हायर पेंशन का मामला दिल्ली से ही हल होना है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है, उसी आधार पर पेंशन का अधिकार है। कहीं सुधार करना है तो कंपनी करेगी। ऐसे ही रोक देना गलत है।