अज़मत अली, भिलाई। ईपीएस 95 को लेकर एक बड़ी खबर आ गई है। हॉयर पेंशन फंड को लेकर बार-बार सवाल उठाए जा रहे थे, जिसका जवाब ईपीएफओ की ओर से दे दिया गया है। भारत सरकार द्वारा प्रकाशित गजट नोटिफिकेशन के अनुसार अब पेंशन फंड में एंप्लॉयर द्वारा सदस्य के पीएफ में सदस्य कर्मचारी के बेसिक, डीए और रिटेनिंग एलाउंस के 8.33% की जगह 9.49% देना होगा। पेंशनर्स का कहना है कि इससे कहीं न कहीं भारी नुकसान होगा। इसकी भरपाई कंपनी कार्मिक से ही करेगी।
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1 सितंबर 2014 के पूर्व, एंप्लॉयर द्वारा दिए जा रहे 12 प्रतिशत का 8.33 प्रतिशत पेंशन फंड में जाता था और शेष 3.67 प्रतिशत कर्मचारी के पीएफ में जाता था। भारत सरकार द्वारा 1.16 प्रतिशत पेंशन फंड में सम्मिलित होता था।
अब भारत सरकार ने अधिसूचना जारी किया है कि जिन सदस्यों ने हायर पेंशन के लिए संयुक्त विकल्प दिया है और जो हायर पेंशन हेतु योग्य पात्र पाए जाएंगे, उनके एंप्लॉयर का अंशदान अब 8.33% की जगह 9.49% होगा। पूर्व में कर्मचारी के बेसिक पे, डीए का 8.33% एंप्लॉयर द्वारा पेंशन फंड में दिया जाता था और 1.16 प्रतिशत भारत सरकार द्वारा दिया जाता था।
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12 प्रतिशत से 8.33 प्रतिशत पेंशन फंड में देने के बाद शेष 3.67 फीसद सदस्य कर्मचारी के पीएफ में सम्मिलित होता था। लेकिन अब, एंप्लॉयर द्वारा 1.16 परसेंट अतिरिक्त देने के बाद, सदस्य कर्मचारी के पीएफ में केवल 2.51 प्रतिशत ही जाएगा।
ईपीएस 95 पेंशन संघर्ष समिति के छत्तीसगढ़ अध्यक्ष एलएम सिद्दीकी का कहना है कि कुल मिलाकर सदस्य कर्मचारी को आर्थिक हानि होगी। यह व्यवस्था 1 सितंबर 2014 से लागू होगी और उन सदस्यों पर लागू होगी, जिनका वेतन 15000 रुपए प्रति माह से अधिक होगी। यानी जिन सदस्यों ने हायर पेंशन के लिए आवेदन किया है या कर रहे हैं, उनके मामले में एंप्लॉयर को, सदस्य के बेसिक, डीए और रिटेंशन एलाउंस का 8.33 प्रतिशत 30 अगस्त 2014 तक और 9.14 प्रतिशत 1 सितंबर से देना होगा। वैसे भी अभी तक पेंशन की गणना का फॉर्मूला भी अस्पष्ट है।