कोशियारी और ईपीएफओ समिति की सिफारिश के बाद भी नहीं बढ़ी ईपीएस 95 पेंशन, लोकसभा में उछला मुद्दा

EPS 95 pension did not increase even after the recommendation of Koshiyari and EPFO ​​committee, the issue was raised in Lok Sabha
सांसद ने कहा-2013 में कोशियारी समिति 2018 में श्रम संसदीय समिति और ईपीएफओ की उच्च स्तरीय समिति की सिफारिश पर अमल हो।
  • समिति की सिफारिश के अनुसार प्रति माह पेंशन 7500 न्यूनतम होनी चाहिए। पेंशनर पिछले सात आठ सालों से इस मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। लोकसभा में कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employee Pension SCheme 1995) का मुद्दा उठाया गया। शिवसेना के सांसद नरेश गणपत म्हस्के ने शून्य प्रहर के दौरान संसद में EPS 95 पेंशन योजना के तहत पेंशनर्स की समस्याओं के संदर्भ में सदन का ध्यान आकर्षित किया।

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देशभर में 78 लाख पेंशनर्स जो केंद्रीय व राज्य सरकार के प्रमुख निजी संस्थाओं और फैक्ट्री से जुड़े रहे हैं। उन्हें न्यूनतम पेंशन प्रतिमा हजार रुपए पर अपना जीवन काटना पड़ रहा है। यह राशि वर्तमान स्थितियों में पर्याप्त है और बुनियादी आवश्यकताओं एवं स्वास्थ सेवाओं से भी उन्हें वंचित रखती है।

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सांसद ने कहा-2013 में कोशियारी समिति 2018 में श्रम संसदीय समिति और ईपीएफओ की उच्च स्तरीय समिति में भी सिफारिश करने के बावजूद यह समस्या अभी तक वैसी ही है।

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समिति की सिफारिश के अनुसार प्रति माह पेंशन 7500 न्यूनतम होनी चाहिए। पेंशनर पिछले सात आठ सालों से इस मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी आवाज अब तक अनसुनी रही।

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इस दौरान मैंने सरकार से निवेदन किया है कि तत्काल इस योजना में बदलाव लाकर न्यूनतम पेंशन 7500 प्रति माह किया जाए और इसके अतिरिक्त महंगाई भत्ता और पेंशनर्स और उनके परिवारों के लिए निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाए जिससे न केवल पेंशनर्स के जीवन का स्तर बेहतर होगा बल्कि उनके दर्शकों की सेवा का योग्य सम्मान किया जाएगा। सरकार और सदन का इन वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं को प्राथमिकता देकर उन्हें न्याय प्रदान करना यह मुझे दायित्व लगता है। इस पर निश्चित रूप से विचार कर जल्द ही कुछ अच्छी बातें सरकार द्वारा की जाएगी ऐसा मुझे विश्वास है।

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