- ईपीएस 95 पेंशन राष्ट्रीय संघर्ष समिति रायपुर के अध्यक्ष Anil Kumar Namdeo ने कटाक्ष किया है।
सूचनाजी न्यूज, रायपुर। मामला देश के 78 लाख सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिकों का। न्याय पर सबका समान हक़ है,सुनने में अच्छा लगता है। वैसे एक विचार मन में आता है कि वो ऐसे कौन से बड़े मामले होते हैं, जिस पर बिना समय गवायें इतनी जल्दी सुनवाई भी हो जाती है और फैसला भी हो जाता है।
ईपीएस 95 पेंशन राष्ट्रीय संघर्ष समिति रायपुर (EPS 95 Pension Rashtriya Sangharsh Samiti Raipur) के अध्यक्ष Anil Kumar Namdeo का कहना है कि ताजा मामला हिंदी फिल्म “Pushpa-2” के सुप्रसिद्ध अभिनेता अल्लू अर्जुन से समझा जा सकता है, जो समाचार सुर्खियां बटोर रहा है। उनके साथ न्याय हुआ या अन्यान्य ये अलग बात है।
बात है, न्यायप्रक्रिया में समानता की। किसी की तत्काल सुनवाई किसी को एक अदद पेशी के लिए महीनों के इन्तेजार। आज संसद के शीतकाल सत्र में भारतीय संविधान के 75 वर्ष होने के परिपेक्ष्य में, संविधान गाथा पर चर्चा हो रही है।
ये खबर भी पढ़ें: EPS 95 Higher Pension Movement: सरकार, EPFO और कोर्ट का चक्कर, “लगे रहो मुन्ना भाई”
TV पर आप देख भी रहे होंगे। सब कुछ राजनीति को समर्पित भावनाओं से सिवाय कुछ भी देखने सुनने को नहीं मिल रहा है,जनहित जैसे संविधान की प्रस्तावना में है ही नहीं।
Anil Kumar Namdeo ने कहा-रसूखदार लोगों के लिए कहें या राजनीति से जुड़े लोगों का मामला कहें, उन के जीने मरने का सवाल शायद सैकड़ों उन उम्रदराज पेंशनरों के जीवन से अधिक महत्व रखता है। जो न्याय की बाट जोहते रोज-रोज मरते चले जा रहें हैं। फिर भी हम विश्वास किये जाते हैं कि न्याय में देर है, पर अंधेर नहीं…। न्याय के सामने तो सब समान होते हैं न कोई छोटा न कोई बड़ा। फिर ये असमानता क्यूँ …। हम तो अब तक समझ नहीं पाए। कोई समझा सकता है क्या मित्रों…।