- बोकारो स्टील आफिसर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों में गेस्ट हाउस और चार्ज हैंडओवर को लेकर विवाद चल रहा है।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। बोकारो स्टील आफिसर्स एसोसिएशन (Bokaro Steel Officers Association) के पदाधिकारियों में चल रही खींचतान का दायरा बढ़ गया। अध्यक्ष-कोषाध्यक्ष एक तरफ तो दूसरी तरफ महासचिव समेत शेष पदाधिकारियों ने मोर्चा संभाला है।
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गेस्ट हाउस कांड और चार्ज हैंडओवर न होने का मामला तूल पकड़ रहा है। महासचिव अजय पांडेय गुट की तरफ से अध्यक्ष एके सिंह के 4 बिंदुओं पर पलटवार किया गया था। यह खबर सूचनाजी.कॉम में प्रसारित होते ही अब अध्यक्ष ने दोबारा कई सवाल दाग दिए।
ओए अध्यक्ष एके सिंह का कहना है कि उठाए गए बिंदुओं से ये स्पष्ठ हो रहा है कि इन लोगों को कुछ काम धाम नहीं है। समय पर्याप्त है। बकवास बंद कर कंपनी के काम पर ध्यान देना चाहिए और BSOA की छवि को धूमिल न करें। बड़ी मेहनत से बीएसओए अपना एक मुकाम बनाया है।
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जो लोग चुनाव में हार चुके हैं। वह BSOA के कामकाज को बाधित करने का असफल प्रयास कर रहे हैं। चुने हुए प्रतिनिधि कंपनी के काम एवं BSOA की गतिविधियों पर ध्यान देंगे तो अन्य काम के लिए समय नहीं बचेगा। BSOA कोई लड़ाई का अखाड़ा नहीं है। यह एक लोगों के दुख दर्द दूर करने का माध्यम है।
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बोकारो स्टील आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इन 6 प्वाइंट पर दिया जवाब
POINT-1
गेस्ट हाउस के बुकिंग का निर्णय एवं संचालन संविधान से नहीं बल्कि Administrative डिसीजन से चलता चला आ रहा है, जिसमे President/GS/Treasurer के माध्यम से बुकिंग होता आ रहा है।
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POINT-2
स्पष्ट है कि गेस्ट हाउस की बुकिंग एके पांडेय-महासचिव द्वारा दिनांक 21/03/2024 और 27/03/2024 को कराया गया। अगर वे अपने आप को महासचिव नहीं मानते हैं तो उन्होंने किस अधिकार से चेक/ऑनलाइन भुगतान करने का निर्देश कोषाध्यक्ष को दिया, जिसका साक्ष्य भी उपलब्ध है? अगर उन्होंने बुकिंग कराया भी है तो इसमें किसी को कोई शिकायत नहीं है, लेकिन स्वीकार करना चाहिए।
POINT-3
इस चुनाव में अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष दोबारा चुन कर आए हैं। अतः सारे ऑफिसियल डॉक्यूमेंट्स इनक्लूडिंग बैलेंस शीट कोषाध्यक्ष के पास उपलब्ध है। उक्त ऑडिटेड बैलेंस शीट को GBM में सभी को उपलब्ध कराया जा चुका है।
काउंसिल ग्रुप में महासचिव को 21 दिन का समय देकर संविधान के अनुसार आम सभा बैठक बुलाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन निर्देश की अवहेलना की जा रही है।
इससे ये स्पष्ट है कि इसके पीछे जो चुनाव हारे हैं, उनकी काली छाया अभी तक बोसा से नहीं हटी है, जिस दिन काली क्षाया हट जाएगी। उसी दिन BSOA का कार्य सुचारू रूप से चलने लगेगा।
POINT-4
BSOA के अंदरूनी वार्तालाप को स्क्रीनशॉट के माध्यम से सार्वजनिक कर, न ही BSOA की गरिमा को हानि पहुंचाई जा रही है, बल्कि करने वाले व्यक्ति की भी छवि धूमिल हो रही है। ऐसे लोगों को लोग पसंद नहीं करते हैं।
अंत में यही कहना है कि परंपरा संविधान के अनुसार आम सभा बैठक बुलानी है तो 21 दिनों की नोटिस देनी होगी। नोटिस देकर बैठक बुलाई जा सकती है। BSOA एक था, एक है और एक रहेगा। किसी को टारगेट नहीं किया जा रहा है। पहली बार जीतने के बाद ऐसा होता है। अनर्गल का जोश खरोश जिस दिन कम हो जाएगा, सब ठीक होगा।
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