वर्तमान श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया पर विश्वास है, क्योंकि वह सच्चे, ईमानदार और संवेदनशील हैं।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन 7500 को लेकर केंद्र सरकार की लगातार किरकिरी हो रही है। पेंशनर्स का कहना है कि उनके हक का पैसा ईपीएफओ के पास जमा है। जिंदगी भर की कमाई का कुछ हिस्सा पेंशन के रूप में मिलता है। उसको भी केंद्र सरकार दबाए हुए है। न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए दी जा रही है, जिसको बढ़ाकर 7500 रुपए करना जरूरी है।
एक पेंशनभोगी ने कहा- NAC टीम का पीएम मोदी और उनके बयानों से विश्वास उठ गया है। मुख्य रूप से दो पिछले श्रम और रोजगार मंत्रियों संतोष गंगवार और भूपेन्द्र यादव के कारण। कमांडर अशोक राउत और NAC के अन्य नेताओं से निपटने के दौरान अत्यंत संवेदनहीनता प्रदर्शित की।
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न्यूनतम पेंशन न बढ़ने से भड़के पेंशनभोगी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर तिलमिलाए हुए हैं। यहां तक बोल दिया कि उनके गरीब विरोधी, मजदूर विरोधी रवैये पर कोई भरोसा नहीं है।
विपक्ष की ओर से परेशान होने पर ही उन्होंने EPS 95 को संवेदनशील मुद्दा बताया, लेकिन स्वर्गीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस संबंध में कोई प्रतिबद्धता नहीं की, यह कहकर न्यूनतम पेंशन में वृद्धि के मामले पर हाथ धोने की कोशिश की।
लेकिन वर्तमान श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया पर विश्वास है, क्योंकि वह सच्चे, ईमानदार और संवेदनशील हैं। वह एनएसी के बुजुर्ग नेताओं के लिए पूरी तरह से सम्मान रखते हैं और उनसे बार-बार मुलाकात की और उनसे आंदोलन बंद करने का आग्रह किया।
एक पेंशनभोगी ने कहा-कमांडर साहब और उनकी टीम पर गहरा सम्मान और विश्वास है। चलो साहब के दावे पर भरोसा करते हैं कि दो महीने बाद यानी। केंद्रीय बजट से हमें एक अच्छी खबर मिल सकती है।
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