
- गुलबर्गा कर्नाटक के ईपीएस 95 पेंशन धारक विश्वनाथ वली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ई-मेल किया है।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। पेंशन योग्य वेतन में समय-समय पर संशोधन नहीं किया जाता है। इसका खामियाजा पेंशनभोगी लगातार भुगत रहे हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ और केंद्र सरकार पर एक के बाद एक जुबानी हमला किया जा रहा है। अब गुहार भी लगाई जा रही है।
गुलबर्गा कर्नाटक के ईपीएस 95 पेंशन (EPS 95 Pension) धारक विश्वनाथ वली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को ई-मेल किया है। पेंशनभोगी का कहना है कि यह बात सच है कि पेंशन योग्य वेतन में समय-समय पर संशोधन नहीं किए जाने के कारण मुझे EPS 95 पेंशन योजना के तहत मात्र 1999 रुपये प्रति माह पेंशन मिल रही है। यदि इसे नीतिगत दिशा-निर्देशों के अनुसार संशोधित किया जाता तो मुझे निम्नलिखित आशाओं के साथ अधिक पेंशन मिल सकती थी।
1. ईपीएस 95 दिशा-निर्देशों के अनुसार 6500 रुपये पेंशन योग्य वेतन पर विचार करते हुए 2012 (58 वर्ष की आयु) से 1999 रुपये प्रति माह यानी 30.75% पेंशन मिल रही है।
2. 2012 (58 वर्ष की आयु) के दौरान मेरा मूल वेतन 26000 रुपये प्रति माह था और फरवरी 2014 (60 वर्ष की आयु) सेवानिवृत्ति के दौरान 30000 रुपये प्रति माह था।
3. उपरोक्त के अनुसार 30.75% पर विचार करने के बाद, मुझे 58 वर्ष की आयु पर 7995 रुपये प्रति माह या 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति पर 9225 रुपये प्रति माह पेंशन मिलनी चाहिए।
4. मैंने निजी कंपनी में सेवा की है। यदि मैं सरकारी सेवा में हूँ तो मुझे उपरोक्त मूल वेतन के अनुसार क्रमशः 13000 रुपये प्रति माह या 15000 रुपये प्रति माह की 50% पेंशन मिलेगी। अतः आपसे अनुरोध है कि उपरोक्त तथ्यों पर विचार करें तथा न्यूनतम पेंशन वृद्धि को बढ़ाकर 7500 रुपये प्रतिमाह करने की हमारी मांग को नियमित करें तथा हमारी मांग को पूरा करें।