- EPS 95 न्यूनतम पेंशन और कोशियारी समिति की 2013 की रिपोर्ट पर चर्चा।
- पूरे मामले में सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है, इसको आप विस्तार से पढ़िए।
- न्यूनतम पेंशन उचित रूप से संशोधित करना चाहिए।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। ईपीएस 95 पेंशनर्स अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। मौजूदा समय में एक हजार रुपए पेंशन के रूप में दिया जा रहा है, जिसे 7500 रुपए करने की मांग की जा रही है। यह मांग कब पूरी होगी, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
फिलहाल, न्यूनत पेंशन और भगत सिंह कोश्यारी समिति 2013 की रिपोर्ट पर खूब चर्चा हो रही है। सूचनाजी.कॉम में खबर प्रसारित होते ही सोशल मीडिया पर इस विषय पर एक बार फिर से रिपोर्ट शेयर की जा रही है। अन्य समिति के सुझाव तक की बात सामने आ रही है, जिसने महज 2000 रुपए पेंशन देने का सुझाव दिया था। आखिर इस पूरे मामले में सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है, इसको आप विस्तार से पढ़िए।
ये खबर भी पढ़ें : Breaking News: SAIL बोनस और एरियर पर 29-30 जनवरी को हड़ताल, NJCS का फैसला
उस रिपोर्ट को तत्कालीन सरकार ने स्वीकार नहीं किया था। और वर्तमान सरकार द्वारा। वह अध्याय हमेशा के लिए बंद है।
एक पेंशनर्स रामाकृष्ण पिल्लै ने लिखा-सरकार ने 2017 में (उच्च शक्ति समिति) में एक और समिति नियुक्त की और उस समिति ने दिसंबर 2018 में न्यूनतम पेंशन के रूप में 2000 रुपये प्रति माह की सिफारिश की। उस रिपोर्ट को इस सरकार द्वारा अस्वीकार या स्वीकार नहीं किया गया है।
ये खबर भी पढ़ें : 12 जगहों पर अहिवारा विधायक डोमन लाल का स्वागत दौरा और सम्मान समारोह, पढ़िए
सीबीटी की बैठक में ट्रेड यूनियन नेताओं ने न्यूनतम मासिक पेंशन 3000 रुपये प्रति माह की मांग की। इस प्रकार मामला श्रम मंत्रालय से लेकर वित्त मंत्री तक ऊपर- नीचे गया। बाद में कुछ नहीं हुआ।
योगदान पेंशन फंड में कोई डीए नहीं हो सकता है। यदि फंड सरप्लस में है, तो यह बोनस घोषित कर सकता है। “श्रमिकों के कल्याण” और सरकार की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम पेंशन तय की गई। अतिरिक्त खर्च को पूरा करने के लिए सब्सिडी प्रदान कर रहा है।
ये खबर भी पढ़ें : जब मिल बैठे 3 CM: वर्तमान, पूर्व और भूतपूर्व, लड़ो मत-फोटो देखिए और सीखिए
सरकार नैतिक रूप से उस तत्व की समीक्षा करने के लिए बाध्य है, जो समय-समय पर मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। अंतिम संशोधन किया गया था 1.9.2014 में। उस तर्ज पर मामले पर विचार करना चाहिए और न्यूनतम पेंशन उचित रूप से संशोधित करना चाहिए।
पेंशनर्स ने कहा-इसी तरह पेंशन योग्य वेतन सीमा भी 2014 से महंगाई और कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि भावी पेंशनभोगी को भी बेहतर पेंशन मिले।
ये खबर भी पढ़ें : New Pension Latest News: 45-50% तक पेंशन देने की बड़ी घोषणा हो सकती है बजट में