Exclusive News: रेलवे हादसा और खर्च कम करेगी Bhilai Steel Plant की ये रेल पटरी, रेल मिल में होगा 600 करोड़ का इंवेस्टमेंट

  • बीएसपी के रेल मिल में हेड हार्डेंड रेल पटरी का उत्पादन किया जाएगा। नई टेक्नोलॉजी से अपग्रेड करने की तैयारी।
  • वॉकिंग बीम फर्नेस और स्ट्रेटनिंग मशीन की सौगात भी मिलेगी।
  • रेल हादसे रोकने, यात्री सुविधा बढ़ाने रेलवे का बड़ा फैसला

अज़मत अली, भिलाई। औद्योगिक तीर्थ स्थल भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। पंडित जवाहर लाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) के हाथों जिस रेल मिल का उद्घाटन हुआ था, अब वह नए कलेवर में दिखेगा। नई मशीनें, वॉकिंग बीम फर्नेस और स्ट्रेटिंग मशीन की सौगात मिलेगी। इससे स्पेशल क्वालिटी की रेल पटरी हेड हार्डेंड का प्रोडक्शन रेल मिल में भी किया जा सकेगा। फिलहाल, यह सुविधा यूनिवर्सल रेल मिल में ही है।

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करीब 600 करोड़ से अपडेट होने वाला है। 6 माह के भीतर काम शुरू होगा, जिसे 2 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह सब रेलवे (Railway) के लिए हो रहा है। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल का सबसे बड़ा कस्टमर भारतीय रेलवे है। रेलवे की मांग हेड हार्डेंड रेल पटरी (Head Hardened Rails) की है। रेल मिल में इस रेल पटरी को बनाने की सुविधा नहीं है। अपग्रेडेशन के बाद सालाना करीब 2 लाख टन हेड हार्डेंड रेल पटरी का प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा।

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स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority of India Limited) के रेल मिल में शार्ट रेल पटरी का उत्पादन होता है। रेलवे लगातार लांग रेल पटरी की मांग कर रहा है। ऐसी सूरत में रेल मिल के अस्तित्व पर ही सवाल उठने लगा था। अगले दो साल में भारतीय रेलवे को हेड हार्डेंड रेल पटरी ही चाहिए। कस्टमर की मांग को पूरा करने के लिए SAIL बीएसपी ने कमर कस ली है। अभी से ही तैयारी शुरू कर दी गई है ताकि समय पर सप्लाई की जा सके।

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रेलवे क्रॉसिंग, हाई-स्पीड फ्रेट कॉरिडोर और मेट्रो रेल परियोजनाओं में इस्तेमाल होने वाली विशेष रेल पटरी यानी हेड हार्डेंड को ही इस्तेमाल किया जाता है। इसका ऊपरी हिस्सा हार्ड होता है, जिससे घर्षण कम होता है। मालगाड़ियों और हाई स्पीड ट्रेन का दबाव सहन करता है। रेल पटरी की लाइफ अधिक होती है।

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600 करोड़ के इंवेस्टमेंट से क्या-क्या मिलेगा

-भिलाई स्टील प्लांट (BSP) में बड़ा इंवेस्टमेंट होने जा रहा है।
-रेल-सेल के रिश्ते को और मजबूत करने के लिए 600 करोड़ रुपए खर्च हो रहा है।
-रेल हादसों को रोकने और यात्री सुविधा बढ़ाने के लिए रेलवे ने स्पेशल ग्रेड की रेल पटरी की मांग कर दी है।
-आर 350 1175 एचटी ग्रेड की हेड हार्डेंट रेल पटरी भारतीय रेलवे मांग रहा है।
-इसलिए रेल मिल में हेड हार्डेन रेल पटरी उत्पादन भी होगा। इसके लिए इंवेस्टमेंट का रोडमैप तैयार कर लिया गया है।
-रेलवे 13 मीटर, 26 मीटर की रेल पटरी लेना बंद कर देगा।
-रेल मिल में नया वॉकिंग बीम फर्नेस आने से उत्पादन की रफ्तार में तेजी आएगी।
-ब्लूम की हीटिंग अच्छी होगी। नई टेक्नोलॉजी का फायदा मिलेगा।
-रेल पटरी की रोलिंग के बाद उसे सीधा करने के लिए नई स्ट्रेटनिंग मशीन लगाई जाएगी।

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सेल से पहले जिंदल ने बनाया है हेड हार्डेंड रेल पटरी

जिंदल स्टील एंड पावर (JSPL) भारत में मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए हेड हार्डेंड रेल की आपूर्ति करने वाली पहली कंपनी है। देश में जिंदल के बाद बीएसपी के यूनिवर्सल रेल मिल के नाम यह खिताब है। जेएसपीएल कोलकाता मेट्रो के जोका-एस्प्लेनेड कॉरिडोर को पूरा करने के लिए रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को 1080 ग्रेड हेड हार्डेंड रेल की आपूर्ति साल 2020 में सबसे पहले किया था।