फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तक पहुंचा FSNL मामला, कर्मचारियों-अधिकारियों की सेवा शर्तें रहेंगी बहाल

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इस्पात मंत्रालय भारत सरका ने पत्र जारी कर स्थिति स्पष्ट किया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के निर्देश पर फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड पर बोला मंत्रालय।
  • फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड स्टील मिनिस्ट्री के अंतर्गत 100 करोड़ प्रतिवर्ष लाभ देने वाली कंपनी है, जिसे मात्र 320 करोड़ में बेच दिया गया।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड-एफएसएनएल (Ferro Scrap Nigam Limited-FSNL) से बड़ी खबर आ रही है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) को भी मामले में दखल देना पड़ा। इस्पात मंत्रालय हरकत में आया और विवाद पर जवाब दिया है।

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फेरो स्क्रैप वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष अरुण सिंह सिसोदिया द्वारा एक याचिका प्रेषित कर फेरो स्क्रैप निगम (Ferro Scrap Nigam) के 500 स्थायी कर्मचारी अधिकारी के सेवा शर्तों को यथावत रखने की अनुरोध किया था। इसके फलस्वरूप राष्ट्रपति के निर्देश पर जवाब में यह स्पष्ठ किया है कि फेरो स्क्रैप निगम अब कोनोके ट्रांसपोर्ट लिमिटेड जापान को बेच दिया गया है और और जो नियम शर्ते शेयर परचेस एग्रीमेंट में है और वर्तमान में जो स्थाई कर्मचारी अधिकारी को मिल रही है यथावत रहेगी।

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विदित हो कि फेरो स्क्रैप वर्कर्स के अध्यक्ष निरंतर निजीकरण के बाद कर्मचारियों के भविष्य को लेकर आवाज उठा रहे थे। भविष्य सुरक्षा के लिए संघर्षरत रहने का दावा कर रहे हैं। अरुण सिंह सिसोदिया का कहना है कि फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड स्टील मिनिस्ट्री (Ferro Scrap Nigam Limited Steel Ministry) के अंतर्गत 100 करोड़ प्रतिवर्ष लाभ देने वाली कंपनी है, जिसे मात्र 320 करोड़ में बेच दिया गया। वो भी जापानी कंपनी को और अभी तक कर्मचारियों के भविष्य सेवाओ के विषय मे कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है।

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जबकि ID एक्ट के अंतर्गत सेवा शर्तों और CDA रूल्स में बदलाव नहीं किया जा सकता। इस प्रकरण को लेकर यूनियन उपश्रमायुक्त, श्रम मंत्रालय, केंद्रीय,औद्योगिक ट्रिब्यूनल और उच्च न्यायालय में परिवाद दायर कर स्पष्ट निर्देश पाने हेतु पूरी ताकत से प्रयासरत है। इस पत्र से कर्मचारियों में उम्मीद की एक किरण नज़र आ रही है।

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