छत्तीसगढ़ की सभी जेलों में QRT का गठन, बंदियों पर नकेल

Formation of QRT in all jails of Chhattisgarh, strictness on prisoners
अपराधिक घटनाएं रोकने के लिए कैदियों की व्यवहार प्रोफाईलिंग तैयार, अपराधिक समूहों से संबद्धता एवं इतिहास पर नजर।
  • जेल डीजी हिमांशु गुप्ता के निर्देश पर दुर्ग संभाग की सभी जेलों में क्यू.आर.टी. का गठन किया गया है।
  • जेल मुख्यालय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ की विभिन्न जेलों द्वारा विभिन्न कार्यवाहियां की गई है।

सूचनाजी न्यूज, दुर्ग। छत्तीसगढ़ के जेलों (Jail of Chhattisagrh) के बंदियों के मध्य अपराधिक घटनाओं को रोकने तथा घटना उपरान्त त्वरित कार्यवाही के लिए जेल मुख्यालय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ की विभिन्न जेलों द्वारा विभिन्न कार्यवाहियां की गई है।

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सभी जेलों में क्विक रिएक्शन टीम (क्यू.आर.टी.) का गठन किया गया है। कोई भी अप्रिय घटना होने पर क्यू.आर.टी. द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाएगी। इस हेतु नियमित रूप से मॉकड्रिल तथा रिहर्सल भी किया जा रहा है।

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अपराधिक घटनाएं रोकने के लिए कैदियों की व्यवहार प्रोफाईलिंग तैयार की गई है। कैदियों की विभिन्न अपराधियों तथा अपराधिक समूहों से संबद्धता एवं इतिहास पर नजर रखी जा रही है।

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केन्द्रीय जेल दुर्ग के जेल अधीक्षक से मिली जानकारी अनुसार बंदियों का हिंसक व्यवहार रोकने के लिए तथा रचनात्मक अभिरूचि बढ़ाये जाने के लिए बंदियों के लिए शैक्षणिक प्रशिक्षण, रोजगारोन्मुखी व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण और जीवन कौशल संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं।

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इससे बंदियों के मध्य तनाव में कमी आई है। साथ ही बंदियों को मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं, थेरेपी और परामर्श भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके माध्यम से अपराध के सामाजिक-आर्थिक कारकों को भी संबोधित किया जा रहा है।

बंदियों के परिवारों के साथ स्वस्थ रिश्तों को बढ़ावा दिया जा रहा है। सामाजिक समर्थन प्रणालियाँ प्रदान करने हेतु प्रक्रिया विकसित की गई है। इससे बंदियों के रिहा होने पर अपराधिक जीवन में पुनः प्रवेश करने की संभावना में कमी आएगी।

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सकारात्मक संलग्नता बढ़ाने के लिए बंदियों को मनोरंजन गतिविधियाँ और खेल सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इससे बंदियों के मध्य टीम वर्क और सहयोग को बढ़ावा मिला है। बंदियों को योग, ध्यान तथा काउंसिलिंग प्रदाय की जा रही है। बंदियों के मध्य समरसता बढ़ाये जाने के उद्देश्य से मध्यस्थ नियुक्ति किये गये हैं तथा उनके द्वारा बंदियों से सतत् संवाद रखा जा रहा है। आसूचना तंत्र को मजबूत किया गया है। निगरानी हेतु टेक्नोलोजी, सीसीटीवी इत्यादि का सहारा लिया जा रहा है। जेल कर्मियों को जेल नियमावली का पालन करने तथा मेहनत, लगन तथा ईमानदारी से कार्य करने के निर्देश दिये गये हैं।

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मनीष संभाकर-अधीक्षक, केन्द्रीय जेल, दुर्ग द्वारा बताया गया कि जेल डीजी हिमांशु गुप्ता के निर्देश पर दुर्ग संभाग की सभी जेलों में क्यू.आर.टी. का गठन किया गया है। अन्य निर्देशों का भी कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जा रहा है।

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