भिलाई वालों की दृढ़ता के संस्कारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस बारिश में भी आप भिलाई वालों ने इस कार्यक्रम में आकर अपने संस्कारों को प्रत्यक्ष किया है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। अपने श्रेष्ठ जीवन का विजन चित्र बनाएं और उसे जीवन में अप्लाई करें। परीक्षा के समय तैयारी नहीं परीक्षा के पहले तैयारी शुरू होती है, तो हमें भी जीवन में परेशानी आने से पहले मन को बहुत बहुत शक्तिशाली बनाना है, समय ना रुका है ना रुकने वाला है, बल्कि और फास्ट गति से भागने वाला है।
यह बातें अंतर्राष्ट्रीय प्रेरक वक्ता तथा मोटिवेशनल स्पीकर, जीवन प्रबंध विशेषज्ञ, नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी ने सेक्टर-7 स्थित बीएसपी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ग्राउंड में GODs पावर मेरे पास कार्यक्रम में कही।
उन्होंने कहा कि सुबह का समय मन में पॉजिटिव एनर्जी भरने का होता है, स्वयं के प्रति बहुत स्ट्रिक्ट रहना है। स्वयं को धोखा देना बंद कर दो। सर्वप्रथम विधायक देवेंद्र यादव,सांसद विजय बघेल, बीएसपी के ईडी वर्क्स अंजनी कुमार, सीएसवीटीयू के कुलपति डॉक्टर एमके वर्मा, बीके शिवानी दीदी, आशा दीदी, हेमा दीदी ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया।
श्रेष्ठ परिवर्तन का एक कदम उठाते हैं तो कई गुना मदद परमात्मा GOD से मिलती है। परमात्मा की शक्तियों पर हमारा अधिकार है। आपने बारिश से बचने डोम का उदाहरण देते हुआ कहा कि यह तैयारी पूर्व में की गई है, न की बारिश के समय, यह स्थिती हमारे जीवन पर भी लागू होती है। आपने सभा में उपस्थित लोगों से सवाल जवाब करते हुए कहा कि आप अपने बच्चों को कैसे देखना चाहते हैं तो जवाब आए। नेक दिल, आज्ञाकारी, देश प्रेमी अच्छा बच्चा, संस्कारवान बच्चा होना चाहिए।
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भिलाई वालों की दृढ़ता के संस्कारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस बारिश में भी आप भिलाई वालों ने इस कार्यक्रम में आकर अपने संस्कारों को प्रत्यक्ष किया है। आपने संस्कारों के बारे में बताते हुए कहा कि किसी के दुखी रहने के संस्कार, किसी के निश्चिंत रहने के, बिना बात की चिंता करने के, छोटी-छोटी बातों को जीवन भर पकड़कर रखने के संस्कारों को बताया। संस्कारी माना जो समय पर हमारे कर्मों में प्रकट हो।
जब सृष्टि पर करोड़ों लोग एक संकल्प करते हैं तो वह सिद्ध हो जाता है। संस्कारों के आधार पर मन की स्थिति का शरीर का स्वास्थ्य, जीवन के रिश्ते बनते हैं। स्प्रिचुअल लॉ है की संस्कार से संसार बनता है। आपने सभी को 30 सेकंड की चेकिंग की ड्रिल करवाई। आध्यात्मिक शक्ति से अपने संस्कारों को बदलना।
एक गलत बिलीफ सिस्टम हमारे जीवन जीने का तरीका बदल देता है। उन्होंने कहा कि कर्म के परिणाम आने पर हमें दुख या सुख की प्राप्ति होती है। हमारे अपने घर में ही दो बच्चों के संस्कार और भाग्य अलग-अलग होते हैं। हमें हमारे जीवन में बीती बातों को जीते जी खत्म करना है, जीवन के अंतिम समय में नहीं जाते समय मेरी स्थिति क्या होगी। दुनिया में कहावत है अंत मती सो गति अर्थात मेरी अंत की गति ही खुशी की हो,दुख की नहीं…। परमात्मा की शक्ति मुझ आत्मा पर तथा मुझसे सृष्टि की हर आत्मा को मिल रही है। आपने जीवन में दुआएं, कर्मों की गुह्य गति के बारे में भी विस्तार से बताकर योग द्वारा अनुभव कराया।