- प्रबंधन को मजबूर होना पड़ा एवं कर्मियों को मिलने वाला पर्क्स 26.5% तक पहुंचा यदि 30 जून की हड़ताल नहीं होती तो प्रबंधन 16% से 18% के बीच पर्क्स को टिका देता।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। 28 अक्टूबर के हड़ताल का प्रचार चल रहा है। इसी दौरान संयुक्त यूनियन के नेताओं ने कहा कि संघर्षों का इतिहास गवाह है कि जब-जब हम लड़े हैं हमें जीत मिली है। 30 जून 2021 की हड़ताल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
ये खबर भी पढ़ें: SAIL को SHRM HR Excellence Awards, जानिए क्यों है खास
22 जून से 27 जून तक 6 दिन लगातार वर्चुअल मीटिंग (Virtual Meeting) कर प्रबंधन बार-बार यही कह रहा था कि 10% से ज्यादा पर्क्स नहीं दे सकते हैं, क्योंकि कंपनी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है यूनियन भी जानती थी कि प्रबंधन जो बात कह रहा है वह सच्चाई से बहुत परे है। इसीलिए प्रबंधन के मनमानी के खिलाफ 30 जून की हड़ताल को अभूतपूर्व तरीके से सफल बनाया गया।
ये खबर भी पढ़ें: EPFO के पास फंड की कमी नहीं, हां में हां मिलाने वाले हैं ईपीएफओ ट्रस्टी
इसके बाद हुई बैठक में प्रबंधन को मजबूर होना पड़ा एवं कर्मियों को मिलने वाला पर्क्स 26.5% तक पहुंचा यदि 30 जून की हड़ताल नहीं होती तो प्रबंधन 16% से 18% के बीच पर्क्स को टिका देता।
ये खबर भी पढ़ें: ईपीएस 95 पेंशनभोगियों के पास खुश होने के लिए कुछ भी नहीं…
30 जून की हड़ताल ने कर्मियों को दिलाया हर माह हजारों रुपए का फायदा
संयुक्त यूनियन के नेताओं ने कहा कि 1% पर्क्स बढ़ाने का मतलब कर्मियों को हर माह सैकड़ो रुपए का फायदा होता है। यदि न्यूनतम बेसिक 25000 मान लिया जाए तो उस पर 1% का मतलब 250 प्रति माह है एवं 100000 बेसिक पर 1% का मतलब 1000 प्रति माह है। यदि हड़ताल की बदौलत प्रबंधन के प्रस्ताव से हम 10% अधिक पर्क्स ले पाए हैं तो कर्मियों को न्यूनतम 2500 से लेकर 10000 तक हर महीने फायदा हो रहा है और यह सब केवल और केवल 30 जून 2021 की हड़ताल के कारण संभव हो सका है।
ये खबर भी पढ़ें: विधानसभा चुनाव, कर्मचारी पेंशन योजना 1995 और 7500 रुपए न्यूनतम पेंशन पर भीतर की बात
लाखों रुपए का बकाया हासिल करने के लिए लड़ना होगा आर पार की लड़ाई
संयुक्त यूनियनों ने मरोदा गेट एवं जोरा तराई गेट पर पर्चा वितरण किया। इस दौरान सभा करते हुए संयुक्त नेताओं ने कहा कि कर्मियों का एरियर्स एवं भ्रामक बोनस फार्मूले से कर्मियों के खाते में एक तरफा दिए गए बोनस के कारण प्रबंधन पर कर्मियों का लाखों रुपए का बकाया हो गया है। यदि इस रकम को प्रबंधन से हासिल करना है तो आर पार की लड़ाई लड़नी होगी।
ये खबर भी पढ़ें: Crude Steel Production: चीन, भारत और जापान का ग्राफ गिरा, पाकिस्तान दूर तक नहीं
ठेका कर्मियों को अपने हक के लिए शामिल होना होगा हड़ताल में
संयुक्त यूनियन के नेताओं ने कहा कि NJCS के स्तर पर लड़कर ठेका कर्मियों के लिए AWA की राशि में बढ़ोतरी करवाई गई। किंतु वह राशि ठेका कर्मियों के हाथ तक नहीं पहुंचती है। साथ ही साथ ठेका कर्मियों को 20% बोनस दिया जाना है। किंतु ठेकेदार 4000 से 7000 तक देकर अपना पल्ला झाड़ लेता है।
ये खबर भी पढ़ें: Coal India: एसईसीएल ने डिजिटलीकरण को दिया बढ़ावा, पढ़िए डिटेल
प्रबंधन को यह सब मालूम होते हुए भी वह ठेका श्रमिकों के हक को दिलाने के लिए कोई कदम नहीं उठाती है। इसीलिए ठेका श्रमिकों को अपने हक को हासिल करने के लिए 28 अक्टूबर के हड़ताल में भागीदारी करना होगा।