कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत न्यूनतम पेंशन 7500 रुपए की मांग।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। ईपीएस 95- न्यूनतम पेंशन 1000 से बढ़कर 7500 रुपए होगी या नहीं। यह सवाल हर जगह गूंज रहा है। पेंशनभोगी रामकृष्ण पिल्लई का कहना है कि जैसा कि श्रम मंत्री के बयान से पता चला है, सरकार को नई नीति बनाने में समय लगेगा।
इस बीच, सरकार को न्यूनतम पेंशन प्राप्तकर्ताओं के लिए कुछ अंतरिम राहत की घोषणा करनी चाहिए। इस पोस्ट पर जवाब देते हुए रमेश गौतम ने कहा-इसका कारण यह है कि उस समय तक महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव खत्म हो जाएंगे। यह सबसे स्वार्थी और वृद्ध विरोधी पार्टी है।
सतीश मिश्रा ने कहा-कुछ नया नहीं है। हमेशा निर्णय टालने की कोशिश करते हैं। कोई उम्मीद नहीं है। मामले को अनिश्चित काल तक खींचने के अलावा कुछ नहीं करेंगे…।
रामकृष्ण पिल्लई ने एक पोस्ट में लिखा-अगर मूल वेतन सीमा बढ़ाई जाती है, तो भविष्य के पेंशनभोगियों को लाभ होगा। अगर न्यूनतम पेंशन बढ़ाई जाती है, तो पुराने पेंशनभोगियों को लाभ होगा।
गिरिजा विजयकुमार ने कहा-सर, यह एक सच्चाई है कि इससे हमारी पेंशन समस्या पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अगर कोई भी पार्टी सत्ता में आती है, तो उन्हें आम आदमी की समस्याओं की बिल्कुल भी परवाह नहीं होती। वे अपनी राजनीतिक संबद्धता से इतर अधिकतम कमाना और अपनी संपत्ति बढ़ाना चाहते हैं।
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सबसे बड़ी बात यह है कि अगर वे 5 साल पूरे कर लेते हैं, तो उन्हें पेंशन मिलेगी और बाकी खर्च सरकार उठाएगी। इससे ज्यादा उन्हें क्या चाहिए, जबकि लाखों लोग कम से कम एक वक्त के खाने के लिए परेशान हैं। यही हमारी राजनीतिक व्यवस्था है।
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