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भिलाई स्टील प्लांट में भयानक भ्रष्टाचार, 26 दिन की हाजिरी, CPF 18 दिन का, AWA संग अटका 50 करोड़

भिलाई स्टील प्लांट में भयानक भ्रष्टाचार, 26 दिन की हाजिरी, CPF 18 दिन का, AWA संग अटका 50 करोड़
  • इंटक ठेका यूनियन की बैठक में उठा मामला। मजदूरों की शिकायत।
  • बीएसपी के ठेका श्रमिकों का लगभग 50 करोड़ की अंतिम भुगतान की राशि जमा होने के बावजूद भी ठेका श्रमिकों को नहीं दिया जा रहा है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के ठेका मजदूरों को एडब्ल्यूए (AWA) की राशि अब तक नहीं मिली। जल प्रबंधन विभाग के मजदूरों ने स्टील ठेका श्रमिक यूनियन इंटक (Steel Contract Workers Union INTUC) के कार्यकारिणी की बैठक में यह मुद्दा उठाया। सेक्टर 4 कार्यालय में की बैठक हुई, जहां भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के अनेक विभाग के ठेका श्रमिकों ने अपनी समस्याएं रखी।

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जल प्रबंधन विभाग (Water Management Department) में सेल में 8 फरवरी को निर्धारित एनजेसीएस (NJCS) की बैठक के अनुसार 1 मार्च से 1400 रुपए प्रतिमाह एडब्ल्यूए की राशि प्रदान करने का आदेश जारी हुआ था, लेकिन जल प्रबंधन विभाग में अभी तक ठेका श्रमिक को 1400 रुपए की राशि नहीं मिली है। ऑपरेटिंग अथॉरिटी को भी इससे अवगत कराया। लेकिन अभी तक ठेका श्रमिकों को यह राशि प्रदान नहीं की गई है।

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कई विभाग से शिकायत आ रही है कि भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन (Bhilai Steel Plant Management) अपने ही आदेश को पूर्ण रूप से पालन नहीं कर पा रहा है। अभी भी अधिकांश विभागों में पूर्व निर्धारित 2300 रुपए एडब्ल्यू की राशि नहीं मिल रही है। ठेका श्रमिकों को 26 दिन की उपस्थिति के उपरांत भी 18 दिन का सीपीएफ एवं ए डब्ल्यूए दिया जा रहा है।

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बीएसपी में ठेका श्रमिकों द्वारा उत्पादन एवं रखरखाव एवं लाभार्जन में पूर्ण योगदान होने के बाद भी 26 दिन उपस्थित होने के बाद भी ठेका कंपनियों द्वारा 18 दिन की उपस्थिति का सीपीएफ ही जमा कर रहे हैं। और 18 दिन की उपस्थिति के कारण उन्हें 18 दिन का ही एडब्ल्यूए का राशि दिया जा रहा है, जबकि ऑनलाइन में उपस्थित 26 दिन दिख रहा है। इससे श्रमिकों को काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है।

ऑपरेटिंग अथॉरिटी से शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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एचएससीएल के आईआर क्लियरेंस करें बीएसपी

कार्यकारिणी की बैठक में ठेका श्रमिकों ने कहा कि बोकारो स्टील प्लांट की तरह एचएससीएल के द्वारा ठेका कार्य का आईआर क्लियरेंस बीएसपी के द्वारा किया जाना चाहिए। बीएसपी में एचएससीएल द्वारा किए गए कार्य का आईआर क्लियरेंस एचएससीएल द्वारा किया जाता है, जिससे ठेका श्रमिकों का पूरा सीपीएफ एवं एडब्ल्यू एवं छुट्टी और एवं वेतन संबंधित शिकायत अंतिम भुगतान की शिकायत करने पर कोई कार्रवाई नहीं होती।

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बीएसपी के अधिकारी कहते हैं कि वह हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। इसलिए जो ठेका एचएससीएल को दिया गया है, उसका आईआर क्लियरेंस बीएसपी के द्वारा किया जाना चाहिए। अभी भी बीएसपी के ठेका श्रमिकों का लगभग 50 करोड़ की अंतिम भुगतान की राशि जमा होने के बावजूद भी ठेका श्रमिकों को नहीं दिया जा रहा है।

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मेडिकल कराने का खर्च भी मजदूरों से ले रहे

ठेका श्रमिकों ने कहा कि नए होने वाले ठेके में मेडिकल कराने की राशि ठेका श्रमिकों से ली जा रही है। ठेका कंपनियों द्वारा कहा जा रहा है कि हमारे ठेके में मेडिकल की राशि नहीं जुड़ी है। ठेका श्रमिकों ने कहा कि कार्य हम भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए करते हैं, तो मेडिकल की राशि भिलाई इस्पात संयंत्र को देनी चाहिए। सामूहिक दुर्घटना बीमा एवं ईएसआईसी का प्रमाण पत्र ठेका श्रमिकों को मिलनी चाहिए।

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जीएम आइआर को जानकारी दी

स्टील ठेका श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष संजय साहू ने इस विषय पर महाप्रबंधक विकास चंद्रा से चर्चा की। महाप्रबंधक ने इस विषय पर उच्च प्रबंधन से जल्द चर्चा कर निदान करने का आश्वासन दिया। एवं अन्य विषयों पर उच्च प्रबंधन से चर्चा किया जाएगा।

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ईएसआइसी योजना (ESIC Scheme) का भी लाभ लेने के लिए यह करें

अध्यक्ष संजय साहू ने ईएसआईसी (ESIC) में आधार को जोड़ने और अपने परिवार के सभी सदस्य का पंजीयन करने के लिए प्रबंधन द्वारा किए जा रहे प्रयास की जानकारी दी। अपने ठेका कंपनी के माध्यम से सभी ठेका श्रमिक अपने परिवार के सदस्य का पंजीयन करवाने को कहा, जिससे कि ईएसआईसी अस्पताल में उनके परिवार का इलाज हो सके।

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बैठक में यूनियन के ये पदाधिकारी रहे मौजूद

बैठक में उपाध्यक्ष सीपी वर्मा, दीनानाथ सिंहसार्वा, मनोहर लाल, आर दिनेश, गुरुदेव साहू, जसबीर सिंह, रिखी राम साहू, संतोष ठाकुर, डीपी खरे, जयराम ध्रुव, सुरेश दास टंडन, नारायण कान्हा, दमन लाल दाऊ, लाल साहू, संजीव मानिकपुरी, बलराम वर्मा, कामता प्रसाद, टोमन लाल डागेश्वर, मनहरण लाल एवं कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित थे।

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