- प्रबंधन अक्सर बैठकों में यूनियन द्वारा उठाए गए इन सवालों पर मुस्तैदी से काम करते हुए हल करने का दावा करता है, लेकिन होता कुछ नहीं है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बीएसपी में बायोमेट्रिक को लेकर पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन सीटू (CITU) ने फिर सवाल उठाया है। यूनियन का कहना है कि भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन (Bhilai STeel Plant Management) द्वारा बिना किसी पूर्व तैयारी के 1 जुलाई 2024 से बायोमेट्रिक आधारित उपस्थिति दर्ज (Biometric based attendance Management System) करने की ऐसी व्यवस्था लागू कर दिया है, जिसका प्रबंधन ने विधिवत लागू करने के पूर्व ट्रायल तक नहीं लिया।
इसके कारण विभिन्न समस्याओं से कर्मचारियों को रोज सामना करना पड़ रहा है। गेटो में जाम की स्थिति निर्मित हो रही है,जिससे ध्वनि और वातावरण प्रदूषण में वृद्धि हो रही है। सड़क दुघर्टना में वृद्धि हुई है,क्योंकि सभी को समय पर फेस रीडिंग की जल्दबाजी होती है।
ये खबर भी पढ़ें: सरकार ने बदला पेंशन का नियम, इनकी साइन से खाते में आएगा पैसा
बोरिया गेट (Boriya Gate) एवं मेंन गेट (Main Gate) पर सड़कों पर भारी वाहनों का 2-2 रो में खड़े हो जाने से कार निकालना मुश्किल हो जाता है। इन सभी समस्याओं को लेकर आज सीटू की टीम महाप्रबंधक (एच आर वर्क्स) से मुलाकात कर विस्तार से चर्चा किया एवं मुख्य महाप्रबंधक (एच आर) के नाम पत्र दिया।
गेटों की व्यवस्था को करें दुरुस्त
सीटू महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने कहा कि मेन गेट पर संयंत्र में प्रवेश के लिए सिर्फ चार गेट उपलब्ध है,जबकि निकलने के लिए 10 गेट उपलब्ध होते हैं। मेन गेट में CISF द्वारा प्रवेश के गेटों को ऑफिस में तब्दील किया गया है, जिसे CISF से वापस लेकर प्रवेश गेट बनाया जाए।
साथ ही साथ संयंत्र के सभी गेटों में पूर्व की तरह प्रवेश हेतु प्रथम पाली में सुबह 5.00 बजे से,सामान्य पाली में 8:00 बजे से, द्वितीय पाली में 1:00 बजे से और रात्रि पाली में 9.00 बजे से गेट खोल दिए जाएं।
क्योंकि संयंत्र के एक गेट से लेकर संयंत्र के दूसरे कोने के विभाग तक जाने में आधे घंटे से ज्यादा समय लगता है और प्रबंधन ने लगभग 2 वर्ष पूर्व एक तरफा निर्णय लेकर सभी पाली में गेट खोलने के समय में आधे घंटे की कटौती किया था l मेन गेट पर इस्पात भवन और एच आर (एल एंड डी) विभाग के बीच की सड़क का चौड़ीकरण किया जाएं।
सभी गेटों में बनाया जाए शेड
सीटू ने पहले भी सभी गेटों के आने और जाने वाले रास्ते पर शेड निर्माण किए जाने की मांग प्रबंधन के सामने रख चुका है, जिससे धूप और बारिश में कर्मियों को परेशानी का सामना ना करना पड़े। जिस पर प्रबंधन ने लंबा इंतजार कराने के बाद मेंन गेट में इसकी व्यवस्था किया सीटू फिर से सभी गेटों में शेड बनाने की मांग रखा है।
ये खबर भी पढ़ें: Latest Job: फिर आई शानदार Vacancy, 102 Post, जल्द करें Apply
नगर प्रशासन विभाग से संबंधित शिकायतों के लिए कार्मिक विभाग में करें व्यवस्था
सीटू ने कहा कि कर्मियों को स्वयं और आश्रितों को सेक्टर 9 अस्पताल में मेडिकल ओ पी डी में डाक्टर को दिखाने के संबंध में दिए जाने वाले छूट के संदर्भ में सर्कुलर निकाला जाना चाहिए।
इसी के साथ नगर प्रशासन विभाग एवं टाउनशिप से संबंधित सभी शिकायतों को दर्ज करने की व्यवस्था कार्मिक विभाग से ही किया जाना चाहिए, ताकि विशेष कर प्रथम पाली एवं सामान्य पाली में कार्य करने वाले कर्मचारी एवं अधिकारियों को सुविधा हो सके।
फेस रीडिंग का मैसेज मोबाइल पर भेजने की करें व्यवस्था
उपाध्यक्ष डीवीएस रेड्डी ने कहा-बायोमेट्रिक आधारित उपस्थिति दर्ज करने पर कर्मचारी द्वारा रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मैसेज भेजने की व्यवस्था किया जाना चाहिए। क्योंकि उपस्थिति या अनुपस्थिति होने का कर्मचारी के पास कोई प्रूफ नहीं होता है यहां मोबाइल मैसेज प्रूफ के रूप में कार्य करेगा। यदि कोई कर्मी द्वारा फेस रीड करने के बाद भी उनके उपस्थिति में कोई भी त्रुटि आए तो उसे सुधारने में मदद होगा।
ये खबर भी पढ़ें: बाप रे…! URM में समस्याओं का पिटारा, गड्ढे में सड़क और क्या-क्या बताएं CGM साहब
रात्रि पाली डिक्लेरेशन की बाध्यता करें खत्म
यूनियन पदाधिकारी अजय सोनी ज्ञात हो की पिछले दिनों रात्रि पाली भत्ता बढ़ाने के लिए तीन यूनियनों द्वारा किए गए दस्तखत में रात्रि पाली भत्ते को आयकर से छूट हेतु सेल्फ डिक्लेरेशन की बाद दर्ज की गई थी कई कर्मियों को कम्प्यूटर में अपनी छुट्टी भरना तक नहीं आता है।
ऐसी परिस्थिति में रात्रि पाली भत्ता स्वयं द्वारा डिक्लेरेशन भरना सम्भव नहीं होता है, इसलिए रात्रि पाली भत्ता का डिक्लेरेशन को रात्रि पाली के बायोमेट्रिक टाइम के साथ इंटरलॉक करके आटो मोड में ही अपने आप ले लेने की व्यवस्था बनाई जाएं।
ये खबर भी पढ़ें: BIG News: CG PCC चीफ दीपक बैज ने इनके DNA पर उठा दिया बड़ा सवाल, बढ़ गया बवाल
टाइम ऑफिस एवं ओ एल एम एस की व्यवस्था रखें यथावत
अध्यक्ष विजय जांगडे ने सवाल किया कि ऐसी क्या परिस्थितियों आन पड़ी थी कि टाइम ऑफिस को बंद करना पड़ा व्यवस्था को पूरी तरह से समझे बिना जल्दी बाजी में किए गए फैसले के कारण कर्मियों को हाजिरी एवं छुट्टी के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
कर्मियों के छुट्टी संबंधी पूरी व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करवाने हेतु टाइम ऑफिस एवं ओ एल एम एस की व्यवस्था को यथावत रखा जाएं। अन्यथा न केवल अटेंडेंस एवं छुट्टियां की व्यवस्था गड़बड़ा जाएगी,बल्कि उसे दुरुस्त करने में सभी विभागों के उपस्थिति सर्टिफाइंग अथॉरिटी एवं कार्मिक विभाग के अधिकारी इसी कार्य में लगे रहेंगे। सीटू टाइम ऑफिस के व्यवस्था पर और अध्ययन कर रहा है जल्द ही इस संबंध में रिपोर्ट को सार्वजनिक करेगा।
संयंत्र की तरफ जाने वाली सड़कों की करें मरम्मत
सविता मालवीय ने कहा बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लगने के बाद से न केवल संयंत्र में जाने वाले एवं संयंत्र से घर जाने वाले गाड़ियों की रफ्तार बढ़ गई है बल्कि लगातार दुर्घटनाएं भी बड़ी है इसीलिए संयंत्र के सभी गेटों की तरफ आने वाले सभी सड़कों एवं गेटों से विभागों के तरफ जाने वाले सभी सड़कों की आवश्यकता अनुसार मरम्मत करवाई जाए ताकि खराब सड़क के कारण होने वाली किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके।
ये खबर भी पढ़ें: Bokaro Steel Plant के 14 जीएम बने सीजीएम, इनका राउरकेला, इस्को, चासनाला ट्रांसफर
मूलभूत सुविधाओं को करें दुरुस्त
सहायक महासचिव एसएसके पनिकर ने कहा कि लंबे प्रयास के बाद भी सभी विभागों में कर्मियों की मूलभूत सुविधाओं जैसे कैंटीन हाइजिन हो, रेस्ट रूम (पुरूषों एवं महिलाओं के लिए अलग-अलग) की व्यवस्था हो, बाथरूम (पुरूषों एवं महिलाओं के लिए अलग-अलग) भारतीय एवं पाश्चात्य शैली की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं किया जा सका है।
प्रबंधन अक्सर बैठकों में यूनियन द्वारा उठाए गए इन सवालों पर मुस्तैदी से काम करते हुए हल कर लेने की तो बात करता है, किंतु स्थितियां जस की तस बनी रहती है। क्योंकि बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू किया जा चुका है। सभी कर्मियों को 8 घंटे तक संयंत्र के अंदर उपस्थित रहना है ऐसे में इन सभी सुविधाओं को चुस्त- दुरुस्त किया जाना अत्यंत आवश्यक है।