- बुजुर्ग EPS 95 पेंशनभोगियों के प्रति टीम मोदी के उदासीन रवैये से दुखी।
- पेंशनर्स बोले-चर्चाएँ, विचार और बैठकें बेकार हैं।
- हम अपने योगदान से 7500 रुपये+डीए+मेडिकल की मांग करते हैं।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन (EPS 95 Minimum Pension) आंदोलन के सामने अब एक बार फिर चुनौती पेश आ गई है। विधानसभा चुनाव (Assembly ELection) से पहले उम्मीद थी कि सरकार भला कर देगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। इसको लेकर पेंशनर्स क्या सोच रहे हैं। क्या बातें कर रहे हैं। आइए विस्तार से पढ़ते हैं।
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पेंशनभोगी गौतम चक्रवर्ती का कहना है कि मैं एक कट्टर राष्ट्रवादी हूँ और इस दिशा में मोदी जी के योगदान से वाकिफ हूँ। लेकिन मैं बुजुर्ग EPS 95 पेंशनभोगियों के प्रति टीम मोदी के उदासीन रवैये से बहुत दुखी हूँ। चर्चाएँ, विचार और बैठकें बेकार हैं। हम अपने योगदान से 7500 रुपये+डीए+मेडिकल की मांग करते हैं।
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टीम मोदी को सद्बुद्धि आए और दीपावली की पूर्व संध्या पर EPS 95 पेंशन (EPS 95 Pension) में बढ़ोतरी की घोषणा करें। नहीं तो मोदी जी, एनडीए को महाराष्ट्र, झारखंड और यूपी में दस विधानसभा उपचुनावों में वरिष्ठ नागरिकों और EPS 95 पेंशनभोगियों के गुस्से का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
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‘अबकी बार, चार सौ पार? के नारे पर तंज
शेखी बघारने का नतीजा भूल गए ‘अबकी बार, चार सौ पार? हम अपने खाते में पैसे से कम पर समझौता नहीं करेंगे। यह एक चेतावनी है। इसे अपने और राष्ट्रहित में गंभीरता से लें। अपने अहंकार, अहंकार और हठधर्मिता से एनडीए के अवसरों को न डुबोएँ।
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वरिष्ठ नागरिक अच्छी खबर का बेसब्री से इंतजार कर रहे
वहीं, पेंशनर्स सनत रावल ने भी इस बात का समर्थन किया। कहा-गौतम चक्रवर्ती जी, बहुत सही कहा। हम EPS-95 पेंशनभोगी/वरिष्ठ नागरिक अच्छी खबर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
लेकिन भाजपा-एनडीए से निराश हैं, वे केवल फर्जी तारीखें, महीने देते हैं और यह भी कहते हैं कि “पेंशनभोगियों का काम हो रहा है” लेकिन कब? आप पर कौन भरोसा करेगा?
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सुखेंदु मंडल ने कहा-अब हरियाणा की बारी है, जहां पुनर्मतदान की संभावना है और परिणाम वर्तमान में निर्वाचित मंत्रिमंडल के लिए हानिकारक होंगे। यह सब लाखों वृद्ध पेंशनभोगियों के अभिशाप के कारण है।
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