- प्रति व्यक्ति स्टील की खपत लगभग ninety eight किलोग्राम है, और ये भी बढ़कर 2030 तक one hundred sixty किलोग्राम हो जाने की संभावना है।
सूचनाजी न्यूज, मुंबई। इंडिया स्टील 2025 (India Steel 2025) कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रिमंडल के सहयोगी, इंडस्ट्री लीडर्स, इंटरनेशनल डेलिगेट्स को संबोधित किया। दो दिनों तक भारत के सनराइज सेक्टर, स्टील सेक्टर के सामर्थ्य और उसकी संभावनाओं पर व्यापक चर्चा की जाएगी।
पीएम ने कहा-मुझे विश्वास है, ये आयोजन नए आइडियाज साझा करने के लिए, नए पार्टनर बनाने के लिए और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए एक नए लॉंच पैड का काम करेगा। ये स्टील सेक्टर में एक नए अध्याय की शुरुआत का आधार बनेगा।
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स्टील की भूमिका दुनिया की आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं में skeleton की तरह रही है। स्काई-स्क्रैपर्स हों या शिपिंग, हाईवेज़ हों या हाई-स्पीड रेल, स्मार्ट सिटी हों या इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, हर सक्सेस स्टोरी के पीछे स्टील की ताकत है।
आज भारत 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनॉमी के संकल्प को सिद्ध करने में जुटा है। इस लक्ष्य को साधने में स्टील सेक्टर की भी भूमिका कम नहीं है। हमें गर्व है कि, आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक बन चुका है।
नेशनल स्टील पॉलिसी के तहत 2030 तक 300 मिलियन टन स्टील उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। आज प्रति व्यक्ति स्टील की खपत लगभग ninety eight किलोग्राम है, और ये भी बढ़कर 2030 तक one hundred sixty किलोग्राम हो जाने की संभावना है। स्टील का ये बढ़ता consumption देश के इन्फ्रा और economy के लिए golden standard का काम करता है। ये देश की दिशा, सरकार की efficiency और effectiveness की भी एक कसौटी है।
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स्टील कितने ही सेक्टर्स की ग्रोथ का प्राइमरी कॉम्पोनेंट है। इसलिए, स्टील इंडस्ट्री के लिए सरकार की नीतियाँ भारत की दूसरी कई इंडस्ट्रीज़ को ग्लोबली competitive बनाने में अहम रोल अदा कर रही हैं। हमारा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, construction, मशीनरी और ऑटोमोटिव सेक्टर, आज इन सब को भारतीय स्टील इंडस्ट्री से शक्ति मिल रही है।
इस बार बजट में हमारी सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ को गति देने के लिए National Manufacturing Mission की भी घोषणा की है। ये मिशन small, medium और large, सभी इंडस्ट्रीज़ के लिए है। National Manufacturing Mission भी हमारी स्टील इंडस्ट्री के लिए नए अवसर खोलेगा।
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पीएम मोदी ने प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर, दोनों से आह्वान किया कि आप नए ideas develop करें, उन्हें nurture करें और share करें। Manufacturing में, R&D में, Technology upgrade में, हमें मिलकर आगे बढ़ना है। देश के युवाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा रोजगार के नए अवसर बनाने हैं।
कोल आयात, खासकर कोकिंग कोल आयात का असर, cost और economy, दोनों पर पड़ता है। हमें इसके alternatives तलाशने होंगे। आज DRI route और अन्य आधुनिक technologies उपलब्ध हैं। हम इन्हें और बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं।
इसके लिए हम coal gasification का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। Coal gasification के जरिए हम देश के कोल संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं, आयात पर निर्भरता कम कर सकते हैं। मैं चाहूँगा, स्टील इंडस्ट्री के सभी प्लेयर्स इस प्रयास का हिस्सा बनें, इस दिशा में जरूरी कदम उठाएँ।
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एक और अहम विषय,unused greenfield mines का भी है। पिछले 10 वर्षों में देश ने कई mining ref
orms किए हैं। Iron ore की availability आसान हुई है। अब इन alloted mines का, देश के इन संसाधनों का सही इस्तेमाल करना और समय पर करना, ये बहुत जरूरी है। इसमें जितनी देरी होगी, देश का तो नुकसान होगा ही होगा, इंडस्ट्री का भी उतना ही नुकसान होगा। इसलिए, मैं चाहूँगा ग्रीन-फील्ड माइनिंग को तेज किया जाए।
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पीएम मोदी ने कहा-स्टील के world-class standards को बनाए रखना होगा, खुद को upgrade करते रहना होगा। Logistics में सुधार, Multi-modal transport networks का विकास और लागत कम से कम, ये भारत को Global Steel Hub बनाने में मदद करेंगे। आइए मिलकर, एक Resilient, Revolutionary और Steel-Strong भारत का निर्माण करें।