कल्पनाओं पर नहीं, यथार्थ पर हो पत्रकारिता, चौथे स्तम्भ का दर्जा संवैधानिक नहीं

स्वास्थ्य रिपोर्टर किसी के जिदंगी के साथ नहीं कर सकता खिलवाड़। स्वास्थ्य का मतलब स्व में स्थित होना।

सूचनाजी न्यूज, वाराणसी। महामना मदन मोहन मालवीय हिन्दी पत्रकारिता संस्थान और मैड्स कम्युनिकेशन नयी दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को स्वास्थ्य पत्रकारिता के अंतर्गत एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में लिमफैटिक फाइलरियस की चुनौतियां और समाधान विषयक संगोष्ठि का आयोजन भी हुआ।

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आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि दैनिक भास्कर डिजिटल के समूह संपादक राजकिशोर ने कहा कि स्वास्थ्य का मतलब होता है स्व में स्थित होना। उन्होंने कहा है कि पत्रकारिता जो लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, अपनी कार्य कुशलता से ही बना है। इसलिए हमे अपने स्वास्थ्य के साथ पत्रकारिता को भी स्वस्थ्य रखने की जरुरत है। स्वस्थ्य समाज आपको मानसिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाता है।

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इस बीच उन्होंने फैलेरिया से जुड़ी जागरूकता कार्यक्रमों के बारे में भी बताया। उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि पत्रकारिता कल्पनाओं पर नहीं बल्कि यथार्थता पर आधारित होती है। पत्रकारिता के अनेक बीट हैं लेकिन स्वास्थ्य की रिपोर्टिंग करते समय पत्रकार को अति नैतिक होना चाहिए।

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इस कार्यक्रम में आकाशवाणी और दूरदर्शन के निदेशक राजेश कुमार गौतम ने कहा कि एक पत्रकार को सही और सटीक जानकारी होनी चाहिए। हमें हमेशा सकारात्मक रिपोर्टिंग करनी चाहिए और समाज में नुक्कड़ नाटक, कहानियां और अन्य माध्यमों से किसी भी जानकारी का प्रचार करना चाहिए।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महामना मदन मोहन मालवीय हिन्दी पत्रकारिता संस्थान के निदेशक प्रो. अनुराग ने कहा कि कई बार हम किसी बड़े मुद्दे को गैर जरूरी मान लेते हैं। जीवन को प्रभावित करने वाली समस्याओं पर बावस्ता नहीं चाहते। दृष्टांत के बिना यथार्थ रूढ़ होता है। इसे हमें समझना चाहिए कि आज पूरी दुनिया इस बीमारी से लड़ रही है।

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कार्यक्रम के बीच में 2 एनिमेशन फिल्म भी दिखाई गई। जिसमें फाइलेरिया से जुड़ी जागरूकता के बारे में बताया गया। यह फिल्म, फिल्म निर्माता शिवानी पाण्डेय के द्वारा फिल्माई गई थी। इसमें उन्होंने आशा कार्यकर्ता और भारत सरकार के द्वारा चलाए गए उपक्रमों के बारे में भी बताया गया।

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आयोजन की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुआ। स्वागत भाषण कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. नागेंद्र कुमार सिंह ने किया। इस कार्यशाला में अध्यापकगण डॉक्टर संतोष मिश्र, डॉक्टर श्रीराम त्रिपाठी, डॉक्टर रविंद्र पाठक, डॉक्टर प्रभा शंकर मिश्र, डॉक्टर मनोहर लाल, डॉक्टर रणजीत, डॉक्टर जिनेश कुमार, डॉक्टर शिव यादव, डॉक्टर सरिता राव, शैलेश चौरसिया, रामात्मा श्रीवास्तव, मोहम्मद जावेद, विनय कुमार सहित छात्र छात्राओं में अश्विनी, देवेन्द्र गिरी, मंगलम तिवारी, सूरज चौबे, शशिकांत , मिथलेश, रौशन, राहुल आशुतोष, विवेकानंद,रूद्र,धन्याश्री, वर्तिका दीक्षित, मोनिशा, प्रिया राय, आस्था द्विवेदी, आकांक्षा , अनिशा , सौम्या, विदुषी, अंकिता, कोमल, संस्कृति सहित अन्य शिक्षक, छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन आशुतोष तिवारी एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर दयानंद ने किया।