- 2026 में, भारत में इस्पात की माँग 2020 की तुलना में लगभग 75 मिलियन टन अधिक होने का अनुमान है।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। स्टील मार्केट के हालात कैसे होने वाले हैं, इस पर एक रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है। World Steel Association की ओर से साल 2025-26 को लेकर कई आशंका और संभावनाएं जाहिर की गई है। भारत के लिए अच्छी खबर है। ग्रोथ का संकेत दिया जा रहा है।
2025 और 2026 में वैश्विक इस्पात मांग के लिए अपना नवीनतम लघु अवधि दृष्टिकोण (एसआरओ) जारी किया गया है। 2025 में वैश्विक इस्पात मांग 2024 की तुलना में स्थिर रहने का अनुमान है, जो लगभग 1,750 मिलियन टन (एमटी) तक पहुँच जाएगी। 2026 में 1.3% की मामूली वृद्धि का अनुमान है, जिससे वैश्विक मांग 1,773 मिलियन टन तक पहुँच सकती है।
उम्मीद लगाई जा रही है कि वैश्विक इस्पात की माँग 2025 में अपने निम्नतम स्तर पर पहुँच जाएगी और 2026 में मध्यम वृद्धि दर्शाएगी। यह सकारात्मक दृष्टिकोण वैश्विक अर्थव्यवस्था के प्रदर्शित लचीलेपन, दुनिया की अधिकांश प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सार्वजनिक अवसंरचना निवेश में निरंतर मज़बूती और वित्तीय स्थितियों में अपेक्षित सुगमता द्वारा समर्थित है।
2026 में अनुमानित वृद्धि कई प्रभावशाली क्षेत्रीय रुझानों से प्रेरित है। चीन से इस्पात की माँग में गिरावट में कमी आने की उम्मीद है। साथ ही भारत, वियतनाम, मिस्र और सऊदी अरब जैसी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में भी मज़बूत वृद्धि देखने को मिल सकती है। महत्वपूर्ण रूप से यूरोप में भी इस्पात की माँग में वृद्धि की लंबे समय से प्रतीक्षित वापसी की आशा है।
चीन को छोड़कर विकासशील देशों में इस्पात की माँग में 2025 में 3.4% और 2026 में 4.7% की वृद्धि के साथ मज़बूत वृद्धि का अनुमान है। यह वृद्धि मुख्य रूप से भारत और कुछ आसियान व मेना देशों के मज़बूत प्रदर्शन से प्रेरित है।
अनुमानों के अनुसार, भारत में इस्पात की माँग 2025 और 2026 के दौरान लगभग 9% की वृद्धि के साथ आगे बढ़ती रहेगी, जो सभी इस्पात उपयोग क्षेत्रों में निरंतर वृद्धि के कारण है। 2026 में, भारत में इस्पात की माँग 2020 की तुलना में लगभग 75 मिलियन टन अधिक होने का अनुमान है।












