एनजेसीएस में अब तक 9 वेतन समझौता सर्वसम्मति से हुआ है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के कर्मचारियों के आधे-अधूरे वेज एग्रीमेंट के खिलाफ भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारियों ने महाधरना किया। सुबह से शाम 6 बजे तक आइआर गेट के सामने प्रबंधन विरोधी नारेबाजी होती रही। हिंदुस्तान स्टील इम्प्लाइज यूनियन भिलाई (सीटू) द्वारा धरना समाप्त होने से पूर्व ही महाप्रबंधक औद्योगिक संबंध जेएन ठाकुर के माध्यम से एनजेसीएस संयोजक के नाम पत्र प्रेषित किया गया। कर्मचारियों की मांगों से अवगत कराया गया है।
एनजेसीएस संयोजक को भेजे गए मांग पत्र में ये लिखा है….
- कम ‘न्यूनतम निश्चित लाभ’ (MGB) की भरपाई के लिए 2 अतिरिक्त वेतन वृद्धि (Increment)।
- 39 माह के एरिया का तत्काल भुगतान एवं जनवरी 2017 से अक्टूबर 2020 तक सेवानिवृत्त हुए कर्मियों को वेतन समझौता एवं प्रभावी लाभ का भुगतान।
- अधिकारियों के तर्ज पर कर्मियों को भी पर्क्स के एरियर्स का भुगतान।
- वेतन समझौता की मांग को लेकर प्रदर्शन में भाग लेने वाले कर्मियों का दंड एवं स्थानांतरण वापस हो।
- बिना किसी विलंब के आरआईएनएल में भी वेतन समझौते को लागू किया जाए।
- ठेका श्रमिकों के वेतन में वृद्धि कर तत्काल लागू किया जाए।
- एचआरए, रात्रि पाली माता, दुर्गम क्षेत्र विशेष भत्ता (DASA) और अन्य सभी भत्तों को बढ़ाया जाना चाहिए।
- सेल और आरआईएनएल की किसी भी इकाई का निजीकरण और विनिवेश नहीं।
- सेल और आरआईएनएल में विस्तार और आधुनिकीकरण।
- पदनाम में उचित परिवर्तन के साथ नई पदोन्नति नीति।
- सीलिंग या कैपिंग और पेंशन के नाम पर मौजूदा ग्रेच्युटी लाभ में कोई कटौती नहीं। ग्रेच्युटी और पेंशन के परिपत्र के संबंध में एकतरफा कार्यालय आदेश वापस लिया जाए।
- सेल पेंशन ट्रस्ट (एसपीटी) द्वारा पेंशन का प्रबंधन किया जाए ।
- सभी के लिए नई प्रोत्साहन योजना।
- सभी इकाइयों में तत्काल भर्ती और भर्ती के लिए सेवन बिंदु को S-1, S-3 और S-6 में वापस किया जाए।
- एसीटी और ओसीटी का स्टाइपेंड बढ़ाया जाए।
द्विपक्षीय एवं सर्वसम्मति की उच्च परिपाटी को समाप्त करने की कोशिश
इस अवसर पर सीटू नेताओं ने कहा कि भारत की सबसे पहली उद्योग स्तर पर बनी द्विपक्षीय समिति एनजेसीएस में सर्वप्रथम प्रबंधन और कर्मियों के प्रतिनिधियों द्वारा आपसी चर्चा एवं सर्वसम्मति से निर्णय लेकर समस्याओं के निराकरण की संस्कृति शुरू की गई थी। एनजेसीएस में अब तक 9 वेतन समझौता सर्वसम्मति से हुआ है। इसके अलावा मंदी के समय केवल सेल और आरआईएनएल को ही नहीं, निजी इस्पात कम्पनियों को भी संकट से उबारने में एनजेसीएस की विशेष भूमिका रही है।
बहुमत के खेल एवं एक तरफा कार्यवाही से बढ़ रही है अराजकता
सीटू नेताओं का कहना है कि एनजेसीएस की 50 वर्ष से भी अधिक पुरानी सर्वसम्मति की संस्कृति को त्याग कर 22 अक्टूबर 2021 को हस्ताक्षर की गई सहमति पत्र तत्पश्चात उस सहमति पत्र से भी अलग हटकर एकतरफा आदेश द्वारा ग्रेच्युटी कटौती तथा सेल पेंशन में प्रबंधन के अंशदान को कम करने से संबंधित आदेश, के अलावा महत्वपूर्ण तथा रणनीतिक महत्व के विभागों को ठेके पर दिए जाने या आउट सोर्स किए जाने से संयंत्र में अराजकता की स्थिति है।