
अकेले दम पर लड़ी सीटू को 228 वोट मिले हैं।
एलपीएफ को जीत मिली और सीटू को हार का सामना करना पड़ा है।
लेबर लिबरेशन फ्रंट-एलएलएफ और एलपीएफ-लेबर प्रोग्रेसिव फ्रंट के गठबंधन सफल रहा।
सूचनाजी न्यूज, सेलम। महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तस्वीर साफ हो चुकी है। महाराष्ट्र में भाजपा गठबंधन तो झारखंड में इंडिया गठबंधन की सरकार आ रही है। इसी तरह सेल के सेलम स्टील प्लांट के यूनियन चुनाव का रिजल्ट भी सामने आ गया है।
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के सेलम स्टील प्लांट में लगातार तीसरी बार Salem Urukkalai Thozhilalar Munnetra Sangam (SUTMS) यानी लेबर प्रोग्रेसिव फ्रंट को मान्यता प्राप्त यूनियन का दर्जा मिल गया है। डीएमके समर्थित यूनियन को चुनाव में जीत मिली है।
इसी के साथ ही प्रबंधन के साथ समझौता करने का अधिकार भी मिल गया है। वहीं, Steel Plant Employees’ Union Salem (CITU) को महज 45 वोटों से हार का सामना करना पड़ा है। LPF+LLF+SC/ST Association गठबंधन को 273 वोट मिले।
जबकि अकेले दम पर लड़ी सीटू को 228 वोट मिले हैं। कड़े मुकाबले में एलपीएफ को जीत मिली और सीटू को हार का सामना करना पड़ा है। लेबर लिबरेशन फ्रंट-एलएलएफ और एलपीएफ-लेबर प्रोग्रेसिव फ्रंट के गठबंधन ने कमाल किया है।
चुनाव में Bharathiya Salem Steel Employees Sangam (BMS) को 26 वोट, Salem Steel Employees’ Union (INTUC) को 49 वोट, Salem Urukkalai Thozhilalar Munnetra Sangam (SUTMS) यानी लेबर प्रोग्रेसिव फ्रंट को 273 वोट और Steel Plant Employees’ Union Salem (CITU) को 228 वोट मिले। जबकि दो वोट इनवैलिड हो गया।
591 वोटर में से 778 ने ही मताधिकार का प्रयोग किया था। चुनाव अधिकार डिप्टी चीफ लेबर कमिशनर सेंट्रल हैदराबाद अतिरिक्त प्रभार चेन्नई की निगरानी में मतदान की प्रक्रिया कराई गई। मतदाताओं की संख्या कम होने की वजह से रिजल्ट भी समय पर आ गया। सकुशल चुनाव संपन्न कराने से सेलम प्रबंधन ने भी राहत की सांस ली है। किसी तरह का कोई विवाद नहीं हुआ है।
दूसरी ओर सीटू के नेताओं का आरोप है कि चुनाव में वोटों की खरीद-फरोख्त की गई है। 5000 हजार रुपए में वोट खरीदे गए हैं। सोशल मीडिया पर यह भी दावा किया जा रहा है कि 60 लाख रुपए खर्च करने के बाद भी एलपीएफ महज 45 वोट से चुनाव जीत सका।
वहीं, एलपीएफ लीडर दुरई राज का कहना है कि हम चुनाव जीते हैं। कर्मचारियों का समर्थन मिला है। सीटू चुनाव हार चुकी है। इसलिए वह इस तरह का आरोप लगा रहे हैं। सारे आरोप गलत है। पिछले चुनाव के समय भी यही आरोप लगाया गया था। सेलम स्टील प्लांट के कर्मचारियों ने वोट दिया।