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CIL NEWS: छत्तीसगढ़ से अधिक है महाराष्ट्र का जमीन रेट, फिर भी किसानों को कम दाम दे रहा वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, HMS ने CM एकनाथ शिंदे तक उठाई आवाज

CIL NEWS: छत्तीसगढ़ से अधिक है महाराष्ट्र का जमीन रेट, फिर भी किसानों को कम दाम दे रहा वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, HMS ने CM एकनाथ शिंदे तक उठाई आवाज
  • सांसद कृपाल तुमाने के माध्यम से मुख्यमंत्री से इस बारे में चर्चा कर किसानों की जमीनों का मुआवजा ज्यादा मिल सके, उसके लिए प्रयास किया जा रहा है।

सूचनाजी न्यूज, नागपुर। कोयला श्रमिक सभा-एचएमएस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2012 में जारी नियम में बदलाव कर वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड-वेकोलि में अधिग्रहित भूमि का मूल्य बढ़ाकर 15, 20 एवं 25 लाख प्रति एकड़ किए जाने की मांग की है।

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अध्यक्ष शिव कुमार यादव ने मुख्यमंत्री के करीबी सांसद को पत्र भेंट किया है। पत्र में बताया गया है कि कोल इण्डिया की अनुषंगी कंपनी जो कि राज्य के तीन जिलों नागपुर, चन्द्रपुर एवं यवतमाल में कार्यरत है और बड़ी संख्या में कोयले का उत्पादन कर रही है। इस कार्य में बड़ी संख्या में भूमि की आवयकता होती है।

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इसलिए इसके लिए लगने वाली जमीन सी.बी.ए. (अर्जन एवं विकास) अधिनियम, 1957 के नियमों अंतर्गत अधिग्रहित की जाती है। लेकिन जमीन अधिग्रहण कानून भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 के पहले अधिग्रहित भूमि का मूल्य रेडी रिकेनर रेट के अनुसार देने का अधिकार था।

जो कि लगभग 15 से 20 हजार प्रति एकड़ होता था। जिससे किसान डब्ल्यू.सी.एल. को जमीन नहीं दे रहे थे। जमीन का मूल्य कम होने के कारण डब्ल्यू.सी.एल. को जमीन अधिग्रहण नहीं कर पाने के कारण न खदान आगे बढ़ पा रही थी और न ही कोयले का उत्पादन हो पा रहा था।

इन सब समस्याओं के कारण डब्ल्यूसीएल द्वारा वर्ष 2010 से लगातार महाराष्ट्र राज्य शासन को पत्र लिखकर जमीन का मूल्य वृद्धि कर निर्धारित करने का आग्रह किया जा रहा था। जिस पर महाराष्ट्र शासन के द्वारा 2012 में शासन निर्णय क्रमांक मुमस 06/2011/प्र. क्र.144/अ-2, दिनांक 25 मई 2012 के माध्यम से 6 लाख रुपए बंजर जमीन, 8 लाख रुपए असिंचित जमीन तथा 10 लाख रुपए सिंचित जमीन प्रति एकड़ का मूल्य निर्धारित कर डब्ल्यू.सी.एल. को महाराष्ट्र शासन द्वारा दिया गया।

जबकि यह मूल्य वर्ष 2008 में ही छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जिसके अंतर्गत 6 लाख, 8 लाख एवं 10 लाख का मूल्य निर्धारित किया गया था। छत्तीसगढ़ की तुलना में महाराष्ट्र राज्य में जमीन का भाव अधिक है। फिर भी वर्ष 2012 से अभी तक 6 लाख (बंजर भूमि) 8 लाख (असिंचित भूमि) तथा 10 लाख (सिंचित भूमि) प्रति एकड का ही भाव डब्ल्यू.सी.एल. कंपनी द्वारा किसानों को दिया जा रहा है।

अध्यक्ष शिव कुमार यादव ने सीएम शिंदे से निवेदन किया है कि राज्य के नागपुर, चन्द्रपुर एवं यवतमाल जिले की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए तथा राज्य के उच्च स्तर को ध्यान में रखकर जमीन का मूल्य 6 लाख, 8 लाख एवं 10 लाख के स्थान पर 15 लाख (बंजर भूमि), 20 लाख (असिंचित भूमि) तथा 25 लाख रुपए (सिंचित भूमि) प्रति एकड मूल्य निर्धारित कर डब्ल्यू.सी.एल. कंपनी को आदेशित करें। जिससे कि राज्य के इन जिलों के किसानों को अधिग्रहित भूमि का सही एवं उचित मूल्य मिल सके।

रामटेक लोकसभा सांसद कृपाल तुमाने के माध्यम से मुख्यमंत्री से इस बारे में चर्चा कर किसानों की जमीनों का मुआवजा ज्यादा मिल सके, उसके लिए प्रयास किया जा रहा है।