Bhilai Steel Plant में गैस रिसाव, जमीन पर गिर पड़े 4 कर्मी, Mock Drill में मचा हड़कंप

  • एसएमएस-3 एलडी गैस होल्डर, ईएमडी में आपदा प्रबंधन के लिए संयुक्त मॉक ड्रिल का आयोजन।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल (SAIL)भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) के एसएमएस-3 में शुक्रवार को अफरा-तफरी रही। कोई स्ट्रेचर लेकर दौड़ा तो कोई एम्बेंस को बुलाता रहा। सुबह 10.31 बजे संघनित जल निकासी गड्ढे की वाटर सील टूटने के कारण अचानक एलडी गैस (LD Gas) का रिसाव होने लगा और वहां काम कर रहे 4 लोग, गैस विषाक्तता का शिकार हो गये और जमीन पर गिर गए।

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यह सब एलडी गैस होल्डर (LD Gas Holder), ईएमडी (EMD) में नेशनल डिज़ास्टर रिस्पांस फोर्स (National Disaster Response Force ) (एनडीआरएफ), सीआईएसएफ (CISF) एवं बीएसपी (BSP) के मॉक ड्रिल (Mock Drill) में दिखा। संयुक्त रूप से आपदा प्रबंधन को मजबूती प्रदान करने के लिए एक मॉक ड्रिल (Mock Drill) का आयोजन किया गया था। दुर्घटना के दौरान बचाव कार्य से लेकर दुर्घटना पर काबू पाने जैसे कार्यों को मॉक ड्रिल के माध्यम से बखूबी अंजाम देते हुए, योजनाबद्ध अभ्यास को सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया।

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विदित हो कि प्रत्येक विभाग में आकस्मिक आपदा से निपटने हेतु कुछ प्रोटोकॉल (Protocol) बनाये गए हैं। इस प्रोटोकॉल (Protocol) के जांच हेतु समय-समय पर मॉक ड्रिल (Mock Drill) का आयोजन किया जाता है। साथ ही इस मॉक ड्रिल की गोपनीयता बनाये रखी जाती है, जिससे घटना होने पर, घटना की गंभीरता को प्रोटोकॉल (Protocol) के अनुरूप की जाने वाली कार्यवाही को सही रूप में परखा जा सके और उस दौरान होने वाली गलतियों को सुधारा जा सके।

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संयंत्र के एसएमएस-3 एलडी गैस होल्डर (LD Gas Holder), ईएमडी में, मैकेनिकल ग्रुप गैस होल्डर कॉलम नंबर 2 और 3 (Mechanical Group Gas Holder Column No. 2 & 3) के बीच वाल्व रिवीजन कार्य में लगा हुआ था। मैकेनिकल समूह के दो व्यक्ति QACV (क्विक एक्टिंग चेक वाल्व) के पास काम कर रहे थे और दो व्यक्ति आउटलेट लाइन के “यू” सील पिट के पास काम कर रहे थे।

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इस दौरान एसएमएस-3 एलडी गैस होल्डर (LD Gas Holder) में एलडी गैस (LD Gas) का रिसाव होते ही आपात स्थिति निर्मित हुई और सुबह 10:32 बजे घटनास्थल पर उपस्थित शिफ्ट प्रबंधक ने एनर्जी कंट्रोल सेंटर(Energy Control Center), वर्क इंसीडेंट कंट्रोलर के साथ मुख्य इंसीडेंट कंट्रोलर को घटना की जानकारी देने के बाद तत्काल सभी संबंधित एजेंसियों को सूचना दी।

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स्थिति को नियंत्रित करने में जुट गये। वर्क इंसीडेंट कंट्रोलर – महाप्रबंधक (ईएमडी) यूवी सुभद्रा ने सुबह 10:32 बजे आपातकाल की घोषणा करते हुए ‘आपातकालीन सायरन’ बजाया साथ ही एचओडी व मुख्य नियंत्रक राकेश जोशी मुख्य महाप्रबंधक (ईएमडी) को सूचित किया।

आपातकालीन स्थिति घोषित होने के तुरंत बाद, मुख्य नियंत्रक के रूप में मुख्य महाप्रबंधक (ईएमडी) श्री राकेश जोशी ने तुरंत खुद को और अपनी टीम को विभिन्न एजेंसियों को आपातकाल स्थिति के बारे में सूचित करने और स्थिति को नियंत्रित करने में लगा दिया।

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एनर्जी कंट्रोल सेंटर द्वारा आपात स्थिति तथा लोगों के घायल होने की जानकारी तथा खतरे की घंटी बजते ही एनडीआरएफ के साथ शामिल बीएसपी की विभिन्न एजेंसियां सक्रिय हो गई। इस अभ्यास के दौरान बीएसपी के फायर ब्रिगेड, एमएमपी-1, सीआईएसएफ, प्लांट कंट्रोल, गैस सेफ्टी, पर्यावरण प्रबंधन विभाग, सेफ्टी कंट्रोल, सिविल डिफेन्स, हेल्थ सर्विसेस विभाग, सुरक्षा इंजीनियरिंग विभाग तथा एसएमएस-3 एलडी गैस होल्डर के कार्मिकों व अधिकारियों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई। सीआईएसएफ द्वारा एनडीआरएफ को इस घटना की सूचना दी गई।

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एसएमएस-3 एलडी गैस होल्डर में, एलडी गैस का रिसाव होने पर नियंत्रण पाने हेतु फायर ब्रिगेड के वाहनों द्वारा लगातार स्प्रे करते हुए स्थिति पर काबू रखा गया। इसके अतिरिक्त एनडीआरएफ टीम, गैस सेफ्टी व फायर ब्रिगेड की टीम ने मिलकर अंदर फंसे घायलों को बाहर निकाला और समुचित प्रथमोपचार प्रदान कर उन्हें एम्बुलेंस के माध्यम से तत्काल सुबह 10.50 बजे तक मुख्य मेडिकल पोस्ट पर भेज दिया गया।

जब दमकल की गाड़ियां छिड़काव अभियान में लगी हुई थीं, एनडीआरएफ और अग्निशमन सेवा विभाग के कर्मियों ने चिंगारी को रोकने के लिए पानी का छिड़काव करने के बाद 4 घायल व्यक्तियों को घटनास्थल से बाहर निकाला।

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पूरे परिसर में अन्य घायल व्यक्ति की तलाश की गई, जबकि ऊर्जा प्रबंधन विभाग के गैस सुरक्षा कर्मियों ने गैस रिसाव की पहचान की और उसे बंद कर दिया गया। पानी के अन्य क्षेत्रों में भी हाइड्रेंट और अग्निशामकों की मदद से गैस मॉनिटर से रिसाव की जांच की गई।

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साथ ही घटनास्थल पर कार्य कर रहे अन्य लोगों की असेंबली पॉइंट (सुरक्षित जगह) पर गिनती के बाद, मुख्य घटना नियंत्रक ने ‘ऑल क्लियर सायरन’ बजाया और सुबह 11.10 बजे आपातकाल के समाप्ति की घोषणा कर दी गई।

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मॉक ड्रिल के दौरान विभिन्न एजेंसियों के कई लोगों को तैनात किया गया था, जिनमें सीआईएसएफ के 94, फायर ब्रिगेड के 29 और एनडीआरएफ के 19 लोग सम्मिलित थे।

इस दौरान विभिन्न कार्यवाही को प्रोटोकाल के अनुरूप अंजाम दिया गया। इसके अतिरिक्त सूचना के आदान-प्रदान व समन्वय के विभिन्न पहलुओं को भी जांचा-परखा गया। इस आपदा अभ्यास में उन सभी गतिविधियों की क्लोज मानीटरिंग की गई और इस दौरान आने वाली विभिन्न खामियों को भी नोट किया गया।

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इस सम्पूर्ण अभ्यास का उद्देश्य, आपदा के समय होने वाले आपाधापी व अफरा-तफरी से कैसे बचा जाये, आपदा प्रबंधन को किस प्रकार योजनाबद्ध ढंग से सम्पन्न किया जाये तथा इस दौरान आने वाली खामियों को दूर कर आपदा प्रबंधन को और भी बेहतर बनाने के समुचित प्रयास को कार्यान्वित कैसे किया  जाये आदि था।

संपूर्ण अभ्यास के दौरान डिजा़स्टर मैनेजमेंट के विभिन्न पहलुओं जैसे विभिन्न एजेंसियों का रिस्पांस टाइम, संबंधित विभागों का आपसी समन्वय, लोगों तथा वाहनों की आवाजाही का गहन अध्ययन किया गया।

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इस अभ्यास से यह सीखने को मिला कि ऐसी आपात स्थिति में हम कैसे धैर्यपूर्वक और योजनाबद्ध ढंग से परिस्थिति को नियंत्रण में कैसे लिया जा सकता है। साथ ही कर्मचारियों को पालन की जाने वाली प्रक्रियाओं से परिचित कराकर उनके बीच घबराहट पैदा होने से बचाया जा सके।

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संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने कहा कि आपदा प्रबंधन अभ्यास एनडीआरएफ, सीआईएसएफ, फायर ब्रिगेड, ईएमडी, एम एंड एचएस व अन्य एजेंसियों द्वारा यह मॉक ड्रिल अच्छी तरह से समन्वित किया गया। उन्होंने कहा कि हमें ऐसी स्थितियों से घबराना नहीं चाहिए और खतरों से निपटने के लिए अन्य क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा मॉक ड्रिल आयोजित करनी चाहिए।

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डीआईजी (सीआईएसएफ) प्रतिभा अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि मॉक ड्रिल के दौरान विभिन्न एजेंसियों द्वारा दी गई प्रतिक्रियाएं और समय प्रबंधन बहुत ही अच्छा था। उन्होंने कहा कि हमें और बेहतर करने के लिए नियमित रूप से मॉक ड्रिल का अभ्यास करना चाहिए।

इस आपदा प्रबंधन अभ्यास के दौरान संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता, कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) अंजनी कुमार तथा कार्यपालक निदेशक (रावघाट) समीर स्वरूप सहित संयंत्र के अन्य उच्च व वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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इनके अलावा टीआई (भट्टी थाना) विपिन रंगारी, एनडीआरएफ इंस्पेक्टर  अभिषेक मिश्रा, उप-निदेशक (औद्योगिक स्वास्थ्य और सुरक्षा) आशुतोष पाण्डेय तथा सीआईएसएफ कमांडेंट अभिजीत भी वहां उपस्थित थे।

संपूर्ण मॉक ड्रिल अभ्यास मुख्य महाप्रबंधक  प्रभारी (सेवाएं) पीके सरकार के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इस दौरान मॉक ड्रिल के नोडल अधिकारी महाप्रबंधक (एसईडी) डॉ. ए आर सोनटके ने संपूर्ण आपातकालीन तैयारी अभ्यास में सक्रिय भूमिका निभाई।

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मॉक ड्रिल के पूरा होने के बाद, महत्वपूर्ण घोषणाएं करके विभिन्न हितधारकों, पर्यवेक्षकों और उप निदेशक (आईएच और सुरक्षा) के साथ एचआरडीसी में कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक की गई।

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विभिन्न अवलोकनों पर चर्चा कर, शामिल उन सभी एजेंसियों के संचालन हेतु कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) अंजनी कुमार द्वारा आभार व्यक्त किया गया। इस तरह मॉक ड्रिल का समापन हुआ|

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