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डीपीई व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर बड़ी मांग।
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बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी ने सरकार को भेजा पत्र।
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पिछले कई साल से सेल कर्मचारी उठा रहे यह मुद्दा, अब तक अमल नहीं हो सका।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority of India Limited) के कर्मचारियों के वेज एग्रीमेंट के लिए आयोग गठित करने की मांग की गई है। प्रधानमंत्री मोदी सरकार (Prime Minister Modi Government) से बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro Steel plant) की यूनियन ने मांग की है। कई सालों से यह मांग की जा रही है। अब तक केंद्र सरकार की तरफ से इस पर अमल नहीं हो सका है। एक बार फिर पुरानी मांग का मुद्दा उठाया गया है।
सेल कर्मचारी (SAIL Employee) वेज समझौता (Wage Agreement) को लेकर काफी आक्रोशित हैं। एनजेसीएस और सेल प्रबंधन के बीच एग्रीमेंट पर साइन होता है। बीएकेएस (BAKS) ने सेल (SAIL) के लिए डीपीई व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर सभी पीएसयू में कार्यरत गैर कार्यपालक कर्मचारियों के 2026-27 से प्रस्तावित वेज रीविजन के लिए पे रीविजन आयोग का गठन कराने की मांग किया है।
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बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ का कहना है कि भारत में अभी 243 पब्लिक सेक्टर यूनिट में लगभग 842000 कार्मिक कार्यरत हैं। जिसमें से लगभग 1 लाख 80 हजार कार्यपालक अधिकारी हैं। शेष लगभग 6 लाख 62 हजार गैर कार्यपालक कर्मचारी तथा सुपरवाइजर श्रेणी के कार्मिक हैं।
इन पब्लिक सेक्टर कंपनियों में कार्यरत कार्यपालक अधिकारी वर्ग के वेतन वृद्धि के लिए लोक उद्यम विभाग (DPE) द्वारा प्रत्येक 10 वर्ष में पे रीविजन आयोग का गठन किया जाता है। यहाँ तक कि केंद्र तथा राज्य सरकार के सभी कार्मिकों के लिए भी वेतन आयोग का गठन किया जाता है।
पीएसयू अधिकारी वर्ग के लिए पिछला पे रीविजन कमेटी 2017 मे गठित की गई थी। जिसके रिपोर्ट के आधार पर सभी लाभप्रद पीएसयू में कार्यरत अधिकारी वर्ग को अधिकतम 15% मिनिमम गारंटी बेनिफिट , 35% पर्क्स तथा 5% परफॉर्मेंस रिलेटेड पे का लाभ दिया गया था।
मोल-भाव की संस्कृति से होता वेतन समझौता
अध्यक्ष हरिओम का कहना है कि पब्लिक सेक्टर कंपनियों में कार्यरत 6 लाख 62000 गैर कार्यपालक कर्मचारियों को मोल भाव सिस्टम का हवाला देकर लोकल प्रबंधन और यूनियन लीडर के भरोसे छोड़ दिया गया है।
इस मोल भाव वाली प्रक्रिया में शामिल अधिकतर यूनियन लीडर गैर निर्वाचित हैं, जिसको स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया की बाई पार्टी कमेटी “NJCS” में शामिल यूनियन नेताओं की सूची को जाँच पड़ताल कर जाना जा सकता है। इस मोल भाव वाली प्रक्रिया से देश, कंपनी तथा कर्मचारियों को काफी नुकसान हो रहा है।
वेज रीविजन कमेटी बनने से लाभ
1 . वेज रीविजन लाभ समय पर तथा सही तरीके से लागू करना बाध्यकारी।
(2) अलग-अलग पीएसयू में गैर कार्यपालक कर्मियों का वेतन समझौता मीटिंग तथा सभी मीटिंग का नाम पर होने वाले करोड़ों रुपए की बचत।
(3) हड़ताल, प्रदर्शन, धरना, घेराव से मुक्ति।
(4) बाहरी तथा गैर निर्वाचित नेताओं की बड़ी फौज द्वारा किए घाटे वाले समझौता से मुक्ति।
कर्मचारियों को बेवजह हड़ताल, धरना, प्रदर्शन, घेराव की जरूरत नहीं होगी
कार्यकारीणी सदस्य बीएकेएस बोकारो नरेश कुमार का कहना है कि पीएसयू में कार्यरत गैर कार्यपालक कर्मचारियों के वेतन भत्ते, बोनस, पीआरपी के निर्धारण के लिए पे रीविजन कमेटी का गठन बहुत जरूरी है।
पे रीविजन कमेटी की अनुशंसा पर सभी पीएसयू कंपनियों में कार्यरत गैर कार्यपालक कर्मचारियों को वेतन भत्तों में बढ़ोतरी एक फॉर्मूला के तहत किया जा सकेगा। इससे सभी पीएसयू में कर्मचारियों को बेवजह हड़ताल, धरना, प्रदर्शन, घेराव आदि नहीं करना होगा।