कारखानों में हादसे और मुआवजे पर सांसद विजय बघेल का लोकसभा में सवाल, सरकार का ये जवाब

MP Vijay Baghel raised a question in Lok Sabha on factory accidents and compensation, this is the government's answer
श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा कारान्दलाजे ने जवाब दिया कि सरकार ने कारखाना अधिनियम, 1948 अधिनियमित किया है।
  • पंजीकृत कारखानों में काम में लगे कामगारों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण का प्रावधान है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। कारखानों में होने वाले हादसे और मजदूरो को मिलने वाले मुआवजे पर दुर्ग सांसद विजय बघेल ने सवाल किया है। लोकसभा में श्रम एवं रोजगार मंत्री से जवाब मांगा।

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विजय बघेल ने प्रश्न किया कि विगत पांच वर्षों के दौरान दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में दर्ज औ‌द्योगिक दुर्घटनाओं की संख्या का ब्यौरा क्या है तथा पीड़ित मजदूरों/व्यक्तियों को कितनी मुआवजा राशि दी गई है। औद्योगिक दुर्घटना में घायल हुए श्रमिकों को मुआवजा प्रदान करने के लिए लागू नियमों/कानूनों का ब्यौरा क्या है?

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विशेष रूप से छत्तीसगढ़ में उनके कार्यान्वयन हेतु जारी आदेशों/निर्देशों का ब्यौरा क्या है? श्रमिकों की शिकायत पर पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया का ब्यौरा क्या है तथा ऐसे मामलों को देखने के लिए जिम्मेदार अधिकारी का ब्यौरा क्या है? औदयोगिक दुर्घटना में घायल श्रमिक को मुआवजा और आर्थिक सहायता प्रदान करने की सरकारी योजना का ब्यौरा क्या है जिसका उ‌द्देश्य लाभार्थी को क्षतिपूर्ति का भुगतान करना है?

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श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा कारान्दलाजे ने जवाब दिया कि सरकार ने कारखाना अधिनियम, 1948 अधिनियमित किया है, जिसमें इस अधिनियम के तहत पंजीकृत कारखानों में काम में लगे कामगारों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण का प्रावधान है।

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अधिनियम और उसके तहत बनाए गए नियमों का प्रवर्तन संबंधित राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों (यूटी) द्वारा उनके संबंधित क्षेत्रों में मुख्य कारखाना निरीक्षकों/औ‌द्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य निदेशालयों के माध्यम से किया जाता है।

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इस अधिनियम के उपबंधों के उल्लंघन कि लिए कारखाना अधिनियम, 1948 और उसके तहत बनाए गए नियमों में दंड एवं प्रक्रियाओं आदि का प्रावधान किया गया है। सीआईएफ/डीआईएसएच को कारखाना अधिनियम, 1948 और इसके तहत बनाए गए नियमों के उपबंधों का उल्लंघन करने पर कारखाने के अधिभोगी और प्रबंधक के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की शक्तियां प्रदान की गई हैं।

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राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों के सीआईएफ/डीआईएसएच से डीजीएफएएसएलआई द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में कारखाना अधिनियम, 1948 के तहत पंजीकृत कारखानों में घातक और गैर-घातक चोटों का विवरण नीचे दिया गया है।

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कर्मचारी प्रतिकर अधिनियम, 1923 में, अन्य बातों के साथ-साथ, रोजगार के दौरान चोट लगने और दुर्घटना होने तथा जिसके परिणामस्वरूप अपंगता या मृत्यु हो जाती है, के मामले में कर्मचारियों और उनके आश्रितों को मुआवजे के भुगतान का प्रावधान है। इस अधिनियम का कार्यान्वयन राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है।

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