- एनजेसीएस मीटिंग नहीं बुलाने के कारण सेल कर्मियों के 40 से अधिक मुद्दे सालों से लंबित है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल कर्मियों (SAIL Employees) के मुद्दों को हल करने के लिए गठित की गई नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील इण्डस्ट्री-एनजेसीएस (National Joint Committee for Steel Industry-NJCS) फुल बॉडी मीटिंग 18 माह बाद भी आयोजित नहीं हो पाई है। पिछली मीटिंग 20 जनवरी 2024 को आयोजित की गई थी।
इसके बाद न तो प्रबंधन ने कभी मीटिंग बुलाने का पहल किया है तथा न ही उस कमेटी में भागीदार यूनियनों तथा उसके नेताओं ने उसके लिए पहल किया है। एनजेसीएस मीटिंग नहीं बुलाने के कारण सेल कर्मियों के 40 से अधिक मुद्दे सालों से लंबित है।
बीएकेएस द्वारा एनजेसीएस में सुधार हेतु दायर किया गया मुकदमा
भिलाई अनाधिशासी कर्मचारी संघ का कहना है कि बगैर सदस्यता सत्यापन किए हुए तथा रिकॉगनाईज्ड यूनियन के रहते हुए पांचों सेंट्रल ट्रेड यूनियनों को तीन-तीन नॉमिनेटेड सीट देने के विरुद्ध बीएकेएस ने दिल्ली उच्च न्यायालय में दूसरी बार मुकदमा दायर किया है,जिसकी सुनवाई अगस्त माह में होनी है।
इस्पात मंत्रालय को उस पर जवाब देना है। बीएकेएस कोषाध्यक्ष नवीन कुमार मिश्रा का कहना है कि बगैर किसी श्रम कानून तथा निबंधन के ही एनजेसीएस का गठन कागजों पर कर दिया गया। एटक, एचएमएस जैसी यूनियनो को भिलाई, राउरकेला, सेलम में चुनाव होने पर 100 वोट भी नहीं मिलता है। सेल स्तर पर आज तक क्लियर नहीं हुआ है कि किस ट्रेड यूनियन के पास कितने सदस्य है। फिर भी पाँचों ट्रेड यूनियन को 3-3 नॉमिनेटेड सीट देना, कर्मचारियों के वास्तविक प्रतिनिधित्व (रिकॉगनाईज्ड ट्रेड यूनियन) के अधिकारों का खुला उल्लंघन है।
सेल कर्मियों के अटके मुद्दों की सूची
1 . वेज रीविजन एमओए नहीं होना।
2 . 15% एमजीबी, 35% पर्क्स पर अंतिम निर्णय नहीं होना।
3 . 39 माह के फिटमेंट एरियर तथा 58 माह के पर्क्स एरियर पर निर्णय नहीं होना।
4 . फेस्टिवल एडवांस का 2008 से संशोधन नहीं होना।
5 . इंसेंटिव रिवार्ड का 2007 से संशोधन नहीं होना।
6 . हाउस आवास ऋण, वाहन ऋण जैसे बंद सुविधाओं का शुरू नहीं होना।
7 . फर्निचर एडवांस, लैपटॉप एडवांस जैसी सुविधाए शुरू नहीं होना।
8 . हाउस पर्क्युजीट, स्टैगेनेशन इंक्रीमेंट जैसी सुविधाएं शुरू नहीं होना।
9 . ग्रेज्युटी सीलिंग होने पर 2012 से पेंशन अंशदान शुरू नहीं होना।
10 . ग्रेड वाइज तथा कलस्टर वाइज पदनाम, सुपरवाईजरी कैडर के साथ नहीं होना।
सेल के निदेशक कार्मिक एनजेसीएस के संयोजक
आईडी एक्ट 1947 की धारा 3 के अनुसार मैनेजमेंट और कर्मचारियों को लेकर वर्क्स कमेटी बनानी है, जिसमें दोनों पक्षों की बराबर की भागीदारी तथा अधिकार होते हैं। परंतु एनजेसीएस की मीटिंग सेल प्रबंधन की मर्जी से बुलाई जाती है। सेल के निदेशक कार्मिक एनजेसीएस के संयोजक होते है।
गैर निर्वाचित नेताओं के खिलाफ कोर्ट गए हैं
नवीन कुमार मिश्रा का कहना है किहमारी यूनियन निर्वाचित रिकॉगनाईज्ड यूनियन प्रतिनिधियों के साथ एनजेसीएस मीटिंग बुलाने की माँग कर रही है। गैर निर्वाचित नेताओं को एनजेसीएस में भागीदारी देने के विरुद्ध यूनियन दिल्ली उच्च न्यायालय के शरण में गई है।