परियोजनाओं के निर्माण के दौरान लगभग 229 लाख मानव दिवस का प्रत्यक्ष रोजगार भी सृजित होंगे
कुल 11,169 करोड़ रुपये (लगभग) की अनुमानित लागत वाली ये परियोजनाएं वर्ष 2028-29 तक पूर्ण होंगी।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। भारतीय रेलवे के बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई है। रेल यात्रियों को बेहतर सुविधाएं आने वाले दिनों में मिल सकेगी। करीब 3 से 5 साल में प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रीफिंग में जानकारी साझा की।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 574 किलोमीटर की वृद्धि करते हुए महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड राज्यों के 13 जिलों को कवर करने वाली चार मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को अनुमति दी है। कुल 11,169 करोड़ रुपये (लगभग) की अनुमानित लागत वाली ये परियोजनाएं वर्ष 2028-29 तक पूर्ण होंगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने आज रेल मंत्रालय की कुल 11,169 करोड़ रुपये (लगभग) लागत वाली चार परियोजनाओं को अनुमति प्रदान की।
जानिए रेलवे प्रोजेक्ट के बारे में
इटारसी- नागपुर चौथी लाइन
औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर)-परभणी दोहरीकरण
अलुआबारी रोड-न्यू जलपाईगुड़ी तीसरी और चौथी लाइन
डांगोपोसी-जारोली तीसरी और चौथी लाइन
जानिए किन राज्यों को होगा सीधा फायदा
बढ़ी हुई लाइन क्षमता गतिशीलता में काफी वृद्धि करेगी, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा। ये मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव संचालन को सुव्यवस्थित करने और भीड़ को कम करने के लिए निर्मित किए गए हैं।
परियोजनाओं की योजना पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान पर बनाई गई है, जिसमें एकीकृत योजना और हितधारक परामर्श के माध्यम से मल्टी-मोडल संपर्कता और रसद दक्षता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। ये परियोजनाएं लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध संपर्कता प्रदान करेंगी।
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड राज्यों के 13 जिलों को कवर करने वाली चार परियोजनाओं से भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 574 किलोमीटर की वृद्धि होगी।
प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना लगभग 2,309 गांवों तक संपर्कता बढ़ाएगी, जिनकी जनसंख्या लगभग 43.60 लाख है।
कोयला, सीमेंट, स्टील, पेट्रोलियम की सप्लाई में होगी आसानी
ये कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि उत्पाद और पेट्रोलियम उत्पादों आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 95.91 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) सामान की आवाजाही होगी।
रेलवे, पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन माध्यम होने के कारण, जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात (16 करोड़ लीटर) कम करने और सीओ2 उत्सर्जन (515 करोड़ किलोग्राम) कम करने में मदद करेगा, जो 20 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।