- सेल, आरएसपी के एलडीबीपी विभाग में नई और उन्नत सुविधाओं का उद्घाटन।
- नई प्रणाली एलडीबीपी में धूल उत्सर्जन को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करेगी।
- पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ाने के लिए बनाई गई है।
- एक स्वच्छ और हरित कार्यस्थल की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
सूचाजी न्यूज, राउरकेला। सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र के लाइम डोलोमाइट ब्रिक प्लांट (एलडीबीपी) के उद्यमी कर्मचारियों ने सफलतापूर्वक चिमनी की स्थापना, हाइड्रोलिक ब्रिक प्रेस नंबर-5 का पुनरुद्धार और पीएलसी प्रणाली को उन्नत करने में मदद की है।
19 मार्च को विभाग में आयोजित एक समारोह में कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) बीआर. पलाई ने इन सुविधाओं का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक (गुणवत्ता) आर. के. पात्र, मुख्य महाप्रबंधक (विद्युत) आर.के. मुदुली, मुख्य महाप्रबंधक (एसएमएस-1) एस करथा, मुख्य महाप्रबंधक (सुरक्षा एवं अग्निशमन सेवाएँ) आशा करथा, महाप्रबंधक प्रभारी (एलडीबीपी) एन आर दास के साथ संयंत्र के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
मार्च 2023 से क्षतिग्रस्त स्थिति में पड़ी हुई ईंट प्रेस को मूल उपकरण निर्माता, जर्मनी के मेसर्स लेयस, के सहायता से पूर्ण कार्यक्षमता के साथ बहाल किया गया। मरम्मत कार्य में सिविल फाउंडेशन की बहाली, क्षतिग्रस्त संरचनाओं और उपकरणों का प्रतिस्थापन शामिल था, जिसका कुल लागत 5.5 करोड़ रुपये था।
इस ईंट प्रेस के चालू होने से, मैग्नेशिया-कार्बन ईंटों की आपूर्ति अब एसएमएस-1 और एसएमएस-2 के कन्वर्टर्स के साथ-साथ एसएमएस-1 और एसएमएस-2 के स्टील लेडल्स के लिए भी की जा सकेगी, जिससे बेहतर रिफ्रैक्टरी आपूर्ति और परिचालन दक्षता सुनिश्चित होगी।
निरंतर गुणवत्ता सुधार पहल के तहत, मेसर्स विंसेंट इंजीनियरिंग द्वारा टेम्परिंग क्लिन की पीएलसी प्रणाली को अद्यतित किया गया। इस अद्यतन से ईंट की गुणवत्ता में सुधार और प्रक्रिया स्वचालन में सुधार होने की उम्मीद है।
एक अन्य महत्वपूर्ण विकास कार्य, 40 मीटर ऊँची चिमनी से लैस धूल निष्कर्षण प्रणाली की स्थापना थी। यह प्रणाली एलडीबीपी में धूल उत्सर्जन को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करके पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ाने के लिए बनाई गई है, जो एक स्वच्छ और हरित कार्यस्थल की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
समारोह का समन्वय महाप्रबंधक (एलडीबीपी) राजेश कोंगाड़ी और सहायक प्रबंधक (एलडीबीपी), केके मिश्रा द्वारा किया गया।