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SAIL बोनस की ताजा खबर: NJCS में पलट गई बहुमत की बाजी, अब होगा ये…

SAIL बोनस की ताजा खबर: NJCS में पलट गई बहुमत की बाजी, अब होगा ये…

-सेल कर्मचारियों की बोनस राशि तय करने के लिए 17 अक्टूबर को दिल्ली में एनजेसीएस नेताओं संग सेल प्रबंधन की मीटिंग।

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सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के कर्मचारियों के बोनस को लेकर एक बड़ी खबर आ गई है। बहुमत के आधार पर सेल प्रबंधन ने बोनस फॉर्मूले पर तीन यूनियनों से साइन कराया था। अब बाजी पलट चुकी है। बोनस फॉर्मूले के खिलाफ अब पांच में से 4 यूनियन एक मंच पर आ चुकी हैं। प्रबंधन ने फॉर्मूले पर साइन करने वाली एचएमएस और इंटक का मूड भी बदल चुका है।

बोनस फॉर्मूले पर साइन करने वाले एनजेसीएस नेता भी संतुष्ट नहीं हैं। स्पष्ट रूप से बोल दिया गया है कि फॉर्मूला सुविधा के लिए बनाया जाता है। इससे बेहतर सुविधा जो होगी, वही अमल में लाया जाएगा। कर्मचारियों को नुकसान से बचाने के लिए एनजेसीएस बैठक में सौदेबाजी की जाएगी।

इंटक से एनजेसीएस सदस्य वंश बहादुर सिंह का कहना है कि बोनस फॉर्मूले के अतिरिक्त और राशि कर्मचारियों को दिलाने की कोशिश की जाएगी, ताकि नुकसान न होने पाए। एनजेसीएस मीटिंग इसीलिए बुलाई जाती है। कर्मचारी हित में क्या बेहतर है, इसको चर्चा किया जाए। कंपनी और कर्मचारी हित में काम करने के लिए एनजेसीएस फोरम है। इस फोरम का सही इस्तेमाल होगा।

इधर-एचएमएस से एनजेसीएस सदस्य राजेंद्र सिंह पहले ही बोल चुके हैं कि वह बोनस फॉर्मूले को स्वीकार नहीं करेंगे। इस बदले घटनाक्रम पर बोनस फॉर्मूले पर साइन नहीं करने वाली यूनियन सीटू का पक्ष भी सामने आ चुका है।

उपाध्यक्ष डीवीएस रेड्डी का कहना है कि कर्मचारियों के लिए शुभ संकेत है। सेल प्रबंधन ने बहुमत को आधार बनाकर 3 यूनियनों से फॉर्मूले पर साइन कराया, अब वही बहुमत का आंकड़ा बदल चुका है। सीटू और एटक ने साइन नहीं किया था। इंटक, एचएमएस और बीएमएस ने साइन किया था। अब इंटक और एचएमएस भी फॉर्मूले पर आधारित बोनस के लिए तैयार नहीं है।

कर्मचारियों को पिछली बार 40 हजार 500 रुपए बोनस दिया गया था। इस बार इससे ऊपर ही बात होगी। सीटू के केंद्रीय नेता स्पष्ट रूप से बोल चुके हैं कि पिछली बार से कम बोनस पर कोई समझौता नहीं होगा। प्रबंधन द्वारा पेश किए गए फॉर्मूले के खिलाफ पहले सीटू और एटक ही था। अब एचएमएस और इंटक भी आ चुका है। इसलिए बहुमत फॉर्मूला बदलने के पक्ष में है।

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