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- पुरानी वायरिंग व्यवस्था के कारण आयेदिन शॉर्ट सर्किट के साथ आग लगने की घटना घटित होती है,जो कि ग्रीष्म ऋतु में और बढ़ने की संभावना है।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल के बोकारो स्टील प्लांट (SAIL – Bokaro Steel Plant) के आवासों की इलेक्ट्रिक वायरिंग खतरनाक हो चुकी है। आग लगती जा रही है। सेक्टर एरिया के आवास में इलेक्ट्रिक वायरिंग में शार्ट सर्किट से आग लगी। इसको संज्ञान में लेकर बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने नगर सेवा के महाप्रबंधक विद्युत को पत्र लिखकर आवासों के विद्युत वायरिंग को बदलने की मांग किया है।
बोकारो इस्पात संयंत्र की स्थापना हुए 50 वर्ष से उपर हो गया है। उसी के साथ कार्मिकों हेतु बने आवासों तथा उसमें स्थापित विद्युत वायरिंग की आयु भी 30-50 वर्ष की हो गई है। उपरोक्त विद्युत वायरिंग उस समय के विद्युत खपत के हिसाब से स्थापित किए गए थे, जो कि विद्युत बल्ब और पंखा के हिसाब से स्थापित किए गए थे।
वर्तमान में बदलते पर्यावरण के अनुसार पूरा नगरीय मानव जीवन क्रियाकलाप विद्युत अधारित होने तथा कई प्रकार के विद्युत उपकरणों का प्रयोग होने के कारण, पूर्व में स्थापित सभी पुराने विद्युत वायरिंग उपयोगी नहीं रह गए हैं।
उदाहरण के लिए एयर कंडीशनर, हीटर, गीजर, माईक्रो ओवन आदि उपकरण उच्च एम्पियर खपत करते है, जिसका नकारात्मक प्रभाव पुराने वायरिंग पर पड़ने के कारण आवासों में आग लगने, शॉर्ट सर्किट होने, वायरिंग जलने, उपकरणो के जलने जैसी घटना लगातार सामने आ रही है।
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11 फरवरी को जनवृत 12/B आवास संख्या 2065 में भी आग लगने की घटना सबके सामने है। प्रथमदृष्टया शॉर्ट सर्किट का ही परिणाम प्रतीत होता है। वहीं, अधिकतर आवासों में शॉर्ट सर्किट से बचाव हेतु एमसीबी तथा अन्य वैकल्पिक सेफ्टी स्वीच भी नहीं लगाया गया है।
बीएकेएस अध्यक्ष हरिओम का कहना है कि यूनियन ने अपने पत्र के माध्यम से प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट कराया है। माँग किया है कि सभी कार्यरत कार्मिकों के आवासों में लगे पुराने विद्युत वायरिंग की जगह वर्तमान समय के हिसाब से वायरिंग करवाएँ तथा सभी आवासों के मेन स्वीच में एमसीबी या अन्य वैकल्पिक सेफ्टी स्विच भी लगवाएं।
हरिओम ने कहा-बीएसएल कर्मचारी एक विद्युत उपभोक्ता भी है। आवासों के 50 वर्ष पुरानी वायरिंग को तत्काल बदलने की जरूरत है। पुरानी वायरिंग व्यवस्था के कारण आयेदिन शॉर्ट सर्किट के साथ आग लगने की घटना घटित होती है,जो कि ग्रीष्म ऋतु में और बढ़ने की संभावना है। इसके कारण कर्मचारियों को भारी आर्थिक,मानसिक और कभी कभी शारीरिक क्षति भी पहुंच सकती है। असुरक्षा के भाव पूरे नगर वासियों में व्याप्त होते हैं।
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