13 साल बाद SAIL BSP कर्मी को मिला पेंशन लेटर, साढ़े 5 लाख एरियर, मूर्ति-मौलवी मांग रहे थे 50% दलाली, EPFO ने दी खुशी

  • भिलाई स्टील प्लांट के राजहरा माइंस से रिटायर कर्मचारी को एरियर और पेंशन का मिला लेटर।

अज़मत अली, भिलाई। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization) के निधि आपके निकट 2.0 कैंप (Nidhi Aapke Nikat 2.0 Camp) में कमाल हो गया। गुरुवार को देशभर में कैंप लगाया गया। लेकिन, सबसे ज्यादा खुशी का एहसास भिलाई में देखने को मिला। 13 साल बाद ईपीएफओ से पेंशन का लेटर मिला। दलाल आधी पेंशन मांग रहे थे। ईपीएफओ ने फ्री में पूरी पेंशन देकर चेहरे पर मुस्कान बिखेर दिया।

ये खबर भी पढ़ें : EPF, ESIC, NPS पर सरकार की ताज़ा रिपोर्ट जारी, पेंशन का आंकड़ा करेगा हैरान

स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority of India Limited) की यूनिट भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के राजहरा आयरन ओर माइंस (Rajhara Iron Ore Mines) के सीनियर स्टोर कीपर पद से रिटायर अब्दुल लतीफ भिलाई के निधि आपके निकट कैंप में पहुंचे, जहां ईपीएफओ के कैंप इंचार्ज जय मोहन ने पेंशन लेटर दिया।

ये खबर भी पढ़ें : Bhilai Steel Plant के जलाशय में बचा सिर्फ 28 दिन का पानी, अब Bhilai Township में मिलेगा 1 टाइम पानी

हाथ में पेंशन का लेटर आते ही लतीफ की आंखों में आंसू भर गया। वह खुशी से फूले नहीं समा रहे थे। खूब दुआएं दी। साथ ही यह भी राज खोल दिया कि राजहरा के दलाल मूर्ति और कोई मौलवी 30 प्रतिशत और 50 प्रतिशत तक पूरी पेंशन दिलाने के लिए दलाली मांग रहे थे। ईपीएफओ के अधिकारी ने दलाल का नाम लिख लिया है, ताकि लोगों को इनके चंगुल से बचाया जा सके।

ये खबर भी पढ़ें : Bhilai Steel Plant के जलाशय में बचा सिर्फ 28 दिन का पानी, अब Bhilai Township में मिलेगा 1 टाइम पानी

जानिए आखिर पेंशन मिलने में देरी क्यों हुई…

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization) पेंशन मुहैया कराती है। इसके अलावा ईपीएस 95 हायर पेंशन (EPS 95 Higher Pension) की प्रक्रिया भी चल रही है। बीएसपी (BSP) खदान से रिटायर अब्दुल लतीफ का पेंशन का पेपर ही विभाग से कहीं गायब हो गया था।

ये खबर भी पढ़ें : PM Modi, EPFO, EPS 95 Higher Pension और न्यूनतम 7500 पेंशन से जुड़ी ताज़ा खबर पढ़िए

2011 में रिटायरमेंट के बाद पेंशन के लिए विभागों का चक्कर लगाए, फिर थक कर बैठ गए। एक-एक कॉपी एकाउंट और पेंशन सेक्शन में जाना था। लेकिन, पेपर कहीं नहीं गया। इसी बीच बीमारी ने जकड़ लिया।

राजनांदगांव के मूल निवासी अब्दुल लतीफ कुसुमकसा के रहते थे। वर्तमान में दुर्ग में बेटी और दामाद के साथ रहते हैं। दलालों के चंगुल में फंसने के बजाय लतीफ खुद ईपीएफओ के रायपुर कार्यालय पहुंचे। वहां एक विंडो पर शिकायत सुनी गई।

ये खबर भी पढ़ें : EPFO Update: क्या है KYC? क्यों जरूरी हो जाता है इसे अप्लाई करना? जानें इम्पॉर्टेंट बातें

मौजूद कर्मचारी खुद सीनियर के पास गया और पेंशन की कवायद शुरू कराई, जिसका लेटर कैंप में सौंपा गया। 1930 रुपए पेंशन बनी है।

1 जुलाई 2009 से पेंशन लागू हो गई है। 1930 के हिसाब से अब तक के एरियर का पैसा जुलाई प्रथम सप्ताह तक खाते में आएगा। 2009 से करीब साढ़े 5 लाख रुपए एरियर मिलेगा। पत्नी बीमार हैं। बेड पर हैं।

ये खबर भी पढ़ें : भारत का ई-श्रम पोर्टल छाया स्विट्जरलैंड के जिनेवा में, श्रमिक इन सुविधाओं का लें लाभ