Bhilai Steel Plant के जलाशय में बचा सिर्फ 28 दिन का पानी, अब Bhilai Township में मिलेगा 1 टाइम पानी

  • बीएसपी के मरोदा जलाशय में भी पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध नहीं है।
  • भिलाई स्टील प्लांट के जलाशय में मात्र 28 दिन का जल शेष है।
  • संयंत्र तथा मरोदा जलाशयों को रिजर्वायर या डेम से जल की आपूर्ति वर्तमान में नहीं हो पा रही है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र (SAIL – Bhilai Steel Plant) के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी (Public Health Engineering), नगर सेवा विभाग (Municipal Services Department) के द्वारा, गर्मी के मौसम में भिलाई टाउनशिप (Bhilai Township) में दो टाइम पेयजल सुबह और शाम को उपलब्ध कराया जा रहा था। वर्तमान में मरोदा जलाशय-2 भिलाई इस्पात संयंत्र में पर्याप्त मात्रा में पानी का भंडारण नहीं है। अतः पानी भंडारण में कमी के कारण भिलाई टाउनशिप में एक टाइम ही (सुबह के समय) पेयजल प्रदान करना संभव है। इसलिए 26 जून 2024 से भिलाई टाउनशिप में सुबह के समय ही पेयजल की आपूर्ति की जाएगी और शाम के समय पेयजल सप्लाई नहीं किया जाएगा।

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भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel plant) को जल प्रदाय करने वाले रिजर्वायर या डेम के कैचमेंट एरिया में अभी तक पर्याप्त वर्षा नहीं हो पाई है, जिसकी वजह से डेम में पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं है। ज्ञात हो कि भिलाई को तांदुला, गोंदली, खरखरा और गंगरेल डेम से पानी की आपूर्ति होती है।

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छत्तीसगढ़ अंचल में मानसून की पहली बारिश हो चुकी है और पर्याप्त मात्रा में आद्रता होने के कारण गर्मी की तुलना में जल की खपत उतनी अधिक नहीं है, इसको ध्यान में रखते हुए कम पानी में भी गुजारा किया जा सकता है।

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मात्र 28 दिन का जल शेष है

बीएसपी (BSP) के मरोदा जलाशय में भी पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध नहीं है और मात्र 28 दिन का जल शेष है। संयंत्र तथा मरोदा जलाशयों को रिजर्वायर या डेम से जल की आपूर्ति वर्तमान में नहीं हो पा रही है, इसलिए संयंत्र के मरोदा जलाशय में क्रमशः जल की मात्रा कम होती जा रही है। अतः किसी भी अप्रत्याशित परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, वर्तमान में जल की खपत को सीमित व कम रखा जाना आवश्यक हो गया है। इसके साथ ही संयंत्र में उत्पादन को निरंतर और नियमित बनाये रखना भी आवश्यक है।

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जल की खपत को कम करने हेतु सहयोग की अपील

सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जल की खपत को कम करने हेतु अपना सहयोग की अपील की गई है। अप्रैल माह में भी पानी की कमी को देखते हुए एक टाइम जल आपूर्ति का निर्णय लिया गया था, किन्तु बाद में संयंत्र को पर्याप्त मात्रा में गंगरेल से पानी मिलने पर ग्रीष्म ऋतु में भी दोनों टाइम जल की आपूर्ति की गई थी।

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इसलिए बीएसपी प्रबंधन ने लिया फैसला

वर्तमान में छत्तीसगढ़ अंचल में पर्याप्त बारिश नहीं होने की आशंका या सम्भावित स्थिति में, जलाशयों में एकत्र जल से ही आगे जल की पूर्ति करनी होगी। इन परिस्थितियों को देखते हुए वर्तमान में इस्पात नगरी में जल की आपूर्ति को दोनों वक्त के स्थान पर एक वक्त के लिए किए जाने का निर्णय लिया जाना उचित होगा, ताकि संयंत्र के उत्पादन कार्य को भी निरंतर जारी रखा जा सके और इस्पात नगरी की घरेलू जल खपत को भी सुचारू रूप से चलाया जा सके।

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