भिलाई टाउनशिप के आवासों की स्थिति बेहतर नहीं है। आयेदिन छत का प्लास्टर टूट रहा। कहीं छज्जा गिर रहा। कहीं, फर्श उखड़े हुए हैं।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) की सुरक्षा को संभालने वाले सीआइएसएफ (CISF) जवानों की जान वाकई खतरे में है। अगर, समय रहते उनके रहने का मुकम्मल इंतजाम नहीं किया गया तो किसी दिन अनहोनी की खबर आ जाएगी। गुरुवार शाम सेक्टर-3 स्थित बैरक का बरामदा ढह गया। यहां रहने वाले 105 जवानों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं, बैरक संख्या ए और बी की स्थिति भी बेहतर नहीं बताई जा रही है। जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि स्थिति क्या है।
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बरामदा ढहने की खबर ने टेंशन बढ़ा दिया है। इसलिए सिविल डिपार्टमेंट की टीम शुक्रवार सुबह शेष दोनों बैरक का मुआयना करेगी। दीवार, पीलर आदि की पड़ताल के बाद ही इसका भी फैसला लिया जाएगा। अगर, रिपोर्ट नकारात्मक रही तो इन दो बैरक में रहने वाले जवानों को भी तत्काल किसी अन्य जगह पर शिफ्ट किया जाएगा। सेल (SAIL) के सभी प्लांट की तरफ ही बीएसपी (BSP) में सीआइएसएफ (CISF) ने मोर्चा संभाला है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (Central Industrial Security Force) का मामला होने की वजह से हड़कंप मचा हुआ है।
भिलाई टाउनशिप के आवासों की स्थिति बेहतर नहीं है। आयेदिन छत का प्लास्टर टूट रहा। कहीं छज्जा गिर रहा। कहीं, फर्श उखड़े हुए हैं। नगर सेवाएं विभाग पर लापरवाही का आरोप लगता रहता है। कर्मचारी प्लांट में सेव दे रहे हैं और परिवार घर पर खतरों के बीच जिंदगी काट रहा है। अब कर्मचारियों की तरह सीआइएसएफ भी इसकी कैटेगरी में आ गई है।
इस पूरे मामले पर भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के जनसंपर्क विभाग का कहना है कि इस्पात नगरी में सीआईएसएफ के जवानों के रहने के लिए सेक्टर-3 में उनके प्रांगण में ए, बी और सी 3 बैरक दिए गए हैं।
गुरुवार शाम 5.30 बजे एक बैरक ‘सी’ का एक विंग का बरामदा अचानक झूल गया। उस समय सभी जवान रोलकॉल में थे तो कोई भी जवान हताहत नहीं हुआ। भवन की स्थिति को देखते हुए सभी 105 जवानों को अन्यत्र भवन में तत्काल प्रभाव से शिफ्ट किया जा रहा है। बाकी दो बैरकों की जांच कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।