– भिलाई इस्पात संयंत्र में 15 मेगावाट क्षमता वाले फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र का आधारशिला समारोह।
– बीएसपी के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता एवं एनटीपीसी के निदेशक (प्रचालन) तथा एनएसपीसीएल के चेयरमैन रविन्द्र कुमार बने गवाह।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के एक परियोजना के तहत, छत्तीसगढ़ राज्य के पहले फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना के लिए भिलाई के मरोदा-1 जलाशय में आधारशिला रखी गई। जिसका उद्घाटन सेल-बीएसपी के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता एवं एनटीपीसी के निदेशक (प्रचालन) तथा एनएसपीसीएल के चेयरमैन रविन्द्र कुमार द्वारा किया गया।
15 मेगावाट क्षमता वाले फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना, भिलाई इस्पात संयंत्र के ग्रीन एनर्जी उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत सरकार की नीति के अंतर्गत इस ऊर्जा संयंत्र की स्थापना को सस्टेनेबल एनर्जी समाधानों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
– छत्तीसगढ़ राज्य का पहला फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने एनटीपीसी-सेल सप्लाई कंपनी लिमिटेड (एनएसपीसीएल) के साथ फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए 9 मई, 2024 को विद्युत खरीद समझौता (पीपीए) किया था। जिसके तहत 15 मेगावाट क्षमता वाले फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना संयंत्र के मरोदा-1 जलाशय में होना था, जो कि छत्तीसगढ़ राज्य का पहला फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र होगा।
– सालाना 34.26 मिलियन यूनिट ग्रीन विद्युत का उत्पादन होगा…
यह परियोजना बीएसपी के कार्बन उत्सर्जन को कम करने एवं ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और ऐसा अनुमान है कि इस संयंत्र से सालाना 34.26 मिलियन यूनिट ग्रीन विद्युत का उत्पादन होगा। जिसका उपयोग बीएसपी अपने कैप्टिव विद्युत जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगा। इससे बीएसपी के कार्बन उत्सर्जन में सालाना 28,330 टन की कमी आने की संभावना है। एनएसपीसीएल, जो एनटीपीसी और सेल का एक संयुक्त उद्यम है, इस परियोजना के लिए परामर्शदाता के रूप में कार्य करेगा। इस परियोजना को ईपीसी अनुबंध के तहत मई 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
– डायरेक्टर इंचार्ज अनिर्बान दासगुप्ता ने कहा…
सेल-बीएसपी के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने कहा कि बीएसपी के प्लांट को इस सोलर फ्लोटिंग संयंत्र से अब ग्रीन एनर्जी प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि बीएसपी के लिए सोलर एनर्जी सिस्टम परियोजना दो चरणों में मरोदा-1 व मरोदा-2 जलाशय में पूरी की जायेगी। उन्होंने इस परियोजना के तहत अगले चरण में एनएसपीसीएल के माध्यम से, 35 मेगावाट क्षमता वाले अतिरिक्त फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र की प्रस्तावित योजना के बारे में बताया।
– फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगभग एक वर्ष में स्थापित होने की उम्मीद
यह 15 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगभग एक वर्ष में स्थापित होने की उम्मीद है। यह पर्याप्त विद्युत उत्पादन भिलाई स्टील प्लांट की ऊर्जा आवश्यकताओं के एक महत्वपूर्ण हिस्से को पूरा करेगा, जिससे एक स्थिर और पर्यावरण अनुकूल बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इसके अलावा, यह पहल इस्पात संयंत्र के कार्बन फुटप्रिंट को काफी हद तक कम करने में योगदान देगी, जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के वैश्विक और राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप है।
महत्वपूर्ण रूप से, इस परियोजना को सेल की नवीकरणीय ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है और यह छत्तीसगढ़ में अपनी तरह की पहली परियोजना है, जो राज्य में भविष्य की ग्रीन एनर्जी परियोजनाओं के लिए एक मिसाल कायम करेगी।
एनटीपीसी लिमिटेड, एनएसपीसीएल की मातृ कंपनी, विभिन्न स्थानों पर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट स्थापित करने और सफलतापूर्वक संचालित करने में व्यापक अनुभव रखती है।