SAIL Chairman: बोकारो स्टील प्लांट के DIC अमरेंदु प्रकाश के पास है दूसरी बार भी चेयरमैन बनने का मौका, 2030 में रिटायरमेंट
मिथिला के अमरेंदु प्रकाश चेयरमैन की रेस में तीसरे से आए पहले नंबर पर।
अज़मत अली, भिलाई। सेल के नए चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश इंटरव्यू में धुरंधरों को पछाड़कर आगे निकल गई। चेयरमैन की रेस में दुर्गापुर स्टील प्लांट के डीआइसी बीपी सिंह और बीएसपी के अनिर्बान दासगुप्ता सबसे आगे माने जा रहे थे। सेल कारपोरेट आफिस के अधिकारी भी इस बात को स्वीकार रहे थे कि अमरेंदु प्रकाश ही कुछ बड़ा उलट-फेर कर सकते हैं, आखिरकार वैसा ही हुआ।
आधुनिकीकरण योजना के बाद सेल का सबसे बड़ा प्लांट बोकारो स्टील प्लांट हो जाएगा। यहां लगातार 26 साल तक सेवा देने वाले अमरेंदु प्रकाश को सेल का मुखिया ही चुन लिया गया। खास बात यह है कि 1970 में जन्में अमरेंदु प्रकाश के पास दोबारा चेयरमैन बनने का पूरा मौका है। 2030 में रिटायरमेंट है। कैबिनेट से दो-तीन माह में मंजूरी मिलने के बाद वह कार्यभार भी संभाल लेंगे। लेकिन इनके सामने सेल प्रोजेक्ट, पूर्ण वेतन समझौता, बकाया एरियर, कर्मियों की घर वापसी बड़ा मुद्दा है। इन चुनौतियों से सामना होना है। बोकारो से इन्हीं के हाथों रणधीर सोनू सहित कई कर्मचारियों का दूसरे प्लांट ट्रांसफर किया गया है।
बोकारो स्टील प्लांट के प्रभारी निदेशक अमरेंदु प्रकाश एकमात्र ऐसे डीआइसी हैं, जिनके पास बीएसएल, डीएसपी, आरएसपी, आइएसपी, अलाय का कार्यभार एक साथ रहा है। बीआईटी-सिंदरी से मेट्रोलॉजी में बी-टेक हैं। जुलाई 1991 में वह MTT के रूप में सेल बोकारो स्टील प्लांट से जुड़े। BSL में आज भी सेवा दे रहे हैं। उन्होंने बीएसएल में एक हॉट स्ट्रिप मिल और पीपीसी विभाग में काम किया है। उन्हें अप्रैल 2016 में सेल कारपोरेट आफिस कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया था।
अमरेंदु प्रकाश 28 सितंबर 2020 से बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) सेल के प्रभारी निदेशक हैं। 30 साल का अनुभव, जिसमें बीएसएल में संयंत्र संचालन में 26 साल और सेल में अध्यक्ष के कार्यालय में 4 साल का अनुभव शामिल है। अमरेंदु प्रकाश ने 1991 में रोलिंग मिल्स में पोस्टिंग के साथ सेल में अपना करियर शुरू किया। बीएसएल में 20 साल के लंबे कार्यकाल के दौरान उन्होंने स्टील रोलिंग और फिनिशिंग की कला में महारत हासिल की।
अमरेंदु प्रकाश ने बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल), सेल के निदेशक प्रभारी का पद 28 सितंबर, 2020 को ग्रहण किया था । बीआईटी सिंदरी, से मेटलर्जी में बीटेक, वह एक निपुण टेक्नोक्रेट हैं और उनके पास 30 साल से अधिक का अनुभव है, जिसमें बीएसएल में संयंत्र संचालन में लगभग 26 साल और सेल निगमित कार्यालय, दिल्ली में 4 साल का अनुभव शामिल है।
बोकारो को देश का पहला ग्लोबल एक्टिव पार्टनर सिटी बनाया
बोकारो स्टील प्लांट के निदेशक प्रभारी के उनके कार्यकाल के दौरान बोकारो स्टील प्लांट ने परिचालन के प्रत्येक क्षेत्र में एक नई ऊंचाई को छुआ। संयंत्र के अलावा टाउनशिप में भी बेहतरी के कई नए पहल किए गए, साथ ही बोकारो को देश का पहला ग्लोबल एक्टिव पार्टनर सिटी बनने का गौरव भी प्राप्त हुआ।
ये उपलब्धि भी अमरेंदु के खाते में
अमरेंदु प्रकाश ने 1997 और 2007 में हॉट स्ट्रिप मिल (एचएसएम) के उन्नयन को समय पर पूरा करने, एचएसएम में ईआरपी और सिक्स सिग्मा प्रमाणन के कार्यान्वयन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और एक प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में सेवा देने के लिए प्रौद्योगिकी हब की स्थापना के पीछे प्रेरक शक्ति थी। हॉट रोलिंग, पेटेंटिंग और कॉपीराइट गतिविधियों के समन्वय में अनुसंधान के लिए थिंक-टैंक। उनके सक्षम नेतृत्व में, रीहीटिंग फर्नेस के तकनीकी डिजाइन पर पेटेंट सफलतापूर्वक दायर किया गया।
जर्मनी, फ्रांस, इटली, दक्षिण कोरिया जैसे देशों में दुनिया भर में व्यापक रूप से यात्रा करने वाले टेक्नोक्रेट, जिन्होंने अन्य लोगों के साथ-साथ स्टील मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अपने विशाल ज्ञान और अनुभव के लिए अत्यधिक मूल्यवर्धन किया है।
वर्ष 1999 में जवाहर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। झंझारपुर के बेलारही के अमरेंदु प्रकाश ने मिथिला का मान बढ़ाया है। झंझारपुर नगर पंचायत के बेलारही गांव निवासी कपिलेश्वर लाल दास के द्वितीय सुपुत्र अमरेंदु प्रकाश ने 1991 में बीएसएल में बतौर एमटीटी के पद पर ज्वाइन किया था।