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SAIL कर्मचारियों जागते रहो, बकाया एरियर, नाइट एलाउंस और भी लेना है बहुत कुछ

SAIL कर्मचारियों जागते रहो, बकाया एरियर, नाइट एलाउंस और भी लेना है बहुत कुछ
  • प्लांट के विभागों में छोटी-छोटी बैठकें की जाएंगी। अपने हक के लिए आवाज उठाते रहने का नारा बुलंद किया गया।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। एनजेसीएस वेतन समझौता के बकाया मुद्दों को लेकर सीटू द्वारा नियमित अंतराल में निरंतर प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी कड़ी में बुधवार को सुबह 8 से 9 बजे तक भिलाई इस्पात संयंत्र के बोरिया गेट पर प्रदर्शन किया गया। कर्मचारियों से अपील की गई है कि बकाया राशि के लिए संघर्ष के लिए तैयार रहें। प्लांट के विभागों में छोटी-छोटी बैठकें की जाएंगी। अपने हक के लिए आवाज उठाते रहने का नारा बुलंद किया गया।

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एरियर्स पर प्रबंधन स्पष्ट करें अपना रूख

सीटू नेताओं ने कहा कि एनजेसीएस के इतिहास में यह पहली बार है कि प्रबंधन के रूख से एरियर्स की देयता पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। ज्ञात हो 21 अक्टूबर 2021 की बैठक में प्रबंधन ने 39 माह का बकाया एरियर्स देने को, लाभ से जोड़ते हुए 10000 करोड़ लाभ अर्जित होने पर एरियर्स भुगतान पर विचार करने का प्रस्ताव दिया था।
सीटू द्वारा कड़ी आपत्ति करने पर अन्य यूनियनों ने भी हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया तथा दूसरे दिन अर्थात 22 अक्टूबर 2021 को दूसरा एमओयू प्रस्तुत किया गया, जिसमें एरियर्स का कोई उल्लेख नहीं था।

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सीटू द्वारा पुनः आपत्ति करने पर सिर्फ इतना शामिल किया गया कि एक उप समिति बना वेतन समझौता का मसौदा (Memorandum of Agreement) तैयार करने, वेतन मान(Pay scale), मकान भत्ता (HRA), कैफेटेरिया तर्ज पर पर्क्स एवं भत्ते तथा 1/1/2017 से 31/3/2020 तक के एरियर्स पर यूनियन एवं प्रबंधन द्वारा कार्य किया जाएगा।

सीटू द्वारा एमओयू पर हस्ताक्षर नहीं करने के कारण

महासचिव जेपी त्रिवेदी ने कहा कि सीटू द्वारा 2 कारणों से एमओयू पर हस्ताक्षर नहीं किया गया। पहला यह कि वर्कर्स ग्रुप बैठक में सब ने मिलकर तय किया था कि किसी भी स्थिति में पर्क्स को 28% से नीचे पर हस्ताक्षर नहीं किया जाएगा और दूसरा कारण यह है कि एरियर्स पर प्रबंधन द्वारा एक दिन पहले प्रस्ताव दिया गया था कि एरियर्स देने को लाभ परिमाण के शर्त से जोड़ा जाएगा।

प्रबंधन के इस प्रस्ताव से एरियर्स देने पर ही प्रश्न चिन्ह लग गया था। इसीलिए सीटू का मांग यह था कि एरियर्स देने को प्रबंधन स्पष्ट रुप से स्वीकार करे तथा आवश्यकता हो तो एरियर्स को दो किश्तों में भुगतान करने पर विचार किया जा सकता है।

किंतु किसी भी स्थिति में एरियर्स को देने के संदर्भ में किसी भी तरह का प्रश्नचिंह स्वीकार नहीं किया जा सकता, क्यूंकि प्रबंधन के प्रस्ताव को स्वीकार करने का अर्थ यह होगा कि लंबे समय तक संयंत्र को अपनी सेवा देकर जो साथी इस दौरान सेवानिवृत्त हुए हैं, उन्हें वेतन समझौता के लाभ से वंचित रखा जाए।

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नए बोनस फार्मूले से और कम हो जाएगा बोनस

अध्यक्ष विजय कुमार जांगड़े ने कहा कि 8 फरवरी 2023 को प्रबंधन और 3 यूनियनों द्वारा हस्ताक्षर किए गए बोनस फार्मूला पर भी सीटू द्वारा कड़ी आपत्ति जताई गई है क्योंकि इस फार्मूला में बोनस का आधार पिछले तीन वर्षों में प्राप्त बोनस के औसत को बनाया गया है, ना कि पिछले वर्ष प्राप्त बोनस को आधार बनाया गया। इस फार्मूला के अनुसार आने वाले वर्ष में बोनस की राशि कम हो जाएगी।

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स्थाई कर्मियों की न्यूनतम संख्या क्या होगा, स्पष्ट करें प्रबंधन?

सहायक महासचिव टी. जोगा राव ने बताया कि सीटू द्वारा स्थाई कर्मियों में हो रही निरंतर कमी पर भी आवाज उठाया गया और प्रबंधन से यह मांग की गई है कि प्रबंधन इस बात पर अपना रुख स्पष्ट करें कि पूरे संयंत्र को चलाने के लिए संयंत्र में स्थाई कर्मियों की न्यूनतम संख्या क्या होगा। इस पर प्रबंधन द्वारा यही जवाब दिया जा रहा है कि नेशनल प्रोडक्शन काउन्सिल द्वारा सर्वे जारी है और उस सर्वे के आधार पर ही स्थाई कर्मियों की न्यूनतम संख्या तय की जाएगी।

ठेका कर्मियों का भी हो एनजेसीएस से वेतन समझौता

उपाध्यक्ष डीवीएस रेड्‌डी का कहना है कि एनजेसीएस में ठेका कर्मियों के वेतन समझौते की मांग को भी सीटू द्वारा लगातार उठाया जा रहा है, क्योंकि सीटू का मानना है कि निरंतर बढ़ते ठेका करण आउटसोर्सिंग के कारण यह आवश्यक हो गया है कि ठेका श्रमिकों का वेतन समझौता भी स्थाई कर्मियों के साथ हो और वेतन समझौते के अनुसार उनको देय सभी भुगतान सुनिश्चित करने की एक प्रणाली हो। अन्यथा प्रबंधन धीरे-धीरे स्थाई कर्मियों की नियुक्ति बंद कर देगी जो किसी के भी हित में नहीं है।