- वेतन भुगतान अधिनियम (THE PAYMENT OF WAGES ACT) 1936 का प्रावधानों का उल्लंघन का आरोप लगाया गया।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के बोकारो स्टील प्लांट से सोडेक्सो को लेकर बड़ी मांग की गई है। हर महीने इसकी राशि जारी करने की मांग की जा रही है। कई माह के अंतराल पर राशि जारी करने से कर्मचारियों-अधिकारियों को परेशानी होती है।
बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ बोकारो ने मुख्य महाप्रबंधक कार्मिक को पत्र लिख कर सोडेक्सो का पैसा प्रत्येक माह सोडेक्सो कंपनी के माध्यम से जारी कराने की मांग किया है। अपने पत्र में यूनियन ने लिखा है कि आयकर श्रोतों में छूट के लिए बीएसएल कार्मिक सोडेक्सो मील वाउचर का चयन किए हैं।
सोडेक्सो मील वाउचर में दी जाने वाली राशि कार्मिकों का वेतन का एक भाग है। परंतु सोडोक्सो कंपनी द्वारा प्रत्येक माह उक्त राशि का भुगतान कार्मिकों के खाते में नहीं किया जा रहा है। यह वेतन भुगतान अधिनियम (THE PAYMENT OF WAGES ACT) 1936 का प्रावधानों का उल्लंघन है।
यह सूविधा कंपनी प्रबंधन द्वारा कार्मिकों के सुविधा (आर्थिक बचत) के लिए जारी की गई है। परंतु कई माह से यह कार्मिकों के लिए मानसिक सजा का तौर पर अनुभव करवा रही है।
वहीं, बीएकेएस यूनियन प्रतिनिधियों ने जब सोडेक्सो के प्रतिनिधि से टेलीफोन पर वार्तालाप किया तो सोडेक्सो प्रतिनिधि का कहना था कि जनवरी माह से बीएसएल प्रबंधन द्वारा पैसों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। जब बीएसएल द्वारा भुगतान किया जाएगा, तब इस मद में कार्मिकों की देय राशि जारी की जाएगी।
होली से पहले सोडेक्सो का बकाया पैसा को रीलिज करें
यूनियन प्रतिनिधियों ने साफ लिखा है कि चूंकि सोडेक्सो राशि, कार्मिकों का वेतन का एक भाग है। अतः बीएसएल प्रबंधन को उक्त राशि का भुगतान वेतन भुगतान (माह की पहली तारीख) के दिन ही करनी चाहिए, नहीं तो यह वेतन भुगतान अधिनियम 1936 का खुला उल्लंघन माना जाएगा।
प्रबंधन होली से पहले सोडेक्सो का बकाया पैसा को रीलिज करे, ताकि कर्मचारियों को अपने पैसों से कुछ राहत महसूस हो।
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वेतन भुगतान अधिनियम 1936 का उल्लंघन
वेतन को रोकना या उसके किसी भाग को अन्य तरीके से लटकाना विशुद्ध वेतन भुगतान अधिनियम 1936 का उल्लंघन है। आश्चर्य की बात है कि तकनीकि युग में भी कार्यप्रणाली का कारण कर्मचारियों को परेशान किया जा रहा है। सोडेक्सो राशि प्रबंधन द्वारा किसी प्रकार का कोई अनुदान नहीं है, बल्कि आयकर में छूट का एक माध्यम है।
दिलीप कुमार-महासचिव, बीएकेएस बोकारो