-सहयोग का उद्देश्य औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए 5जी प्रौद्योगिकी की विशाल क्षमता को उजागर करना है, जिससे दक्षता और उत्पादकता के एक नए युग की शुरुआत होगी।
सूचनाजी न्यूज, राउरकेला। सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) ने तकनीकी उन्नति और नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (आईआईटी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। सहयोग का उद्देश्य औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए 5जी प्रौद्योगिकी की विशाल क्षमता को उजागर करना है, जिससे दक्षता और उत्पादकता के एक नए युग की शुरुआत होगी।
समझौता ज्ञापन पर आईआईटीडी के बोर्ड रूम में आयोजित एक समारोह में आरएसपी के कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) एस.आर.सूर्यवंशी और डीन, कॉर्पोरेट रिलेशंस, आई.आई.टी.डी. के प्रोफेसर प्रीति रंजन पंडा द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
इस अवसर पर आर.एस.पी. के मुख्य महाप्रबंधक (सीएंडआईटी) कौशिक सेनगुप्ता, आर.एस.पी. के मुख्य महाप्रबंधक (ए.एण्ड आई.) सुदीप पाल चौधरी, विभागाध्यक्ष, भारती स्कूल, आई.आई.टी.डी. के प्रोफेसर हुजूर सरन और भारती स्कूल, आई.आई.टी.डी. के प्रोफेसर कृष्णा सिरोही भी उपस्थित थे।
एमओयू पर हस्ताक्षर होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए ईडी वर्क्स एसआर सूर्यवंशी ने कहा कि यह सहयोग 5जी प्रौद्योगिकी की अभूतपूर्व क्षमताओं को अनलॉक करने की दिशा में एक दृढ़ कदम है। उन्होंने कहा, ‘आई.आई.टी. दिल्ली की अनुसंधान क्षमता के साथ आर.एस.पी. के औद्योगिक कौशल का समामेलन न केवल हमारे परिचालन के लिए बल्कि पूरे इस्पात क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए बड़ी संभावनाएं पेश करता है।’
श्री पंडा ने अपने संबोधन में उद्योग और शिक्षा के क्षेत्र को जोड़ने वाले अग्रणी सहयोग के लिए आर.एस.पी. को धन्यवाद दिया। उन्होंने आगे कहा कि सहयोग सैद्धांतिक अंतर्दृष्टि और व्यावहारिक अनुप्रयोगों को एकजुट करने में मदद करेगा, इस प्रकार तकनीकी प्रगति का वास्तविक सार का प्रतीक होगा।
उल्लेखनीय है कि, एक ओर आई.आई.टी. दिल्ली के पास अकादमिक उत्कृष्टता और अनुसंधान कौशल की एक लंबी विरासत है तथा इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और नवाचार में इसकी विशेषज्ञता को व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है।
दूसरी ओर, आर.एस.पी., जो देश के औद्योगिक मानचित्र की आधारशिला है, उसके पास दशकों का अनुभव और इस्पात क्षेत्र में मौजूद चुनौतियों और अवसरों की जटिल समझ है। दोनों संस्थाएँ महत्वपूर्ण तकनीकी क्षेत्र में ज्ञान और अनुप्रयोग के दायरे को आगे बढ़ा सकती हैं। संयुक्त अनुसंधान, विकास और कार्यान्वयन के माध्यम से संगठनों का लक्ष्य परिचालन दक्षता, संसाधन अनुकूलन और टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ाने में 5जी की पूरी क्षमता का उपयोग करना है।
नवप्रवर्तन और उन्नति के एक नए युग की शुरुआत करने का संकल्प लेते हुए, यह सहयोग ‘आत्मनिर्भर भारत’ (आत्मनिर्भर भारत) की स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है।