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SAIL के ठेका मजदूर करेंगे 16 घंटे का सर्टिफिकेट कोर्स, देशभर में मिलेगी नई पहचान, BSL से शुरुआत

SAIL के ठेका मजदूर करेंगे 16 घंटे का सर्टिफिकेट कोर्स, देशभर में मिलेगी नई पहचान, BSL से शुरुआत
  • प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत रेकॉग्नीशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) का लाभ सेल बोकारो स्टील प्लांट के ठेका श्रमिकों तक पहुंचाने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल के ठेका मजदूरों के लिए खास खबर है। सालों से एक ही ट्रेड में काम करने के बावजूद उन्हें कोई सर्टिफिकेट नहीं मिलता है। अब बकायदा सर्टिफिकेट दिया जाएगा, जिसको भारत के किसी भी राज्य में मान्यता मिलेगी। बोकारो स्टील प्लांट के ठेका मजदूरों के लिए 16 घंटे का कोर्स शुरू किया जा रहा है। इसमें 12 घंटे की ट्रेनिंग और 4 घंटे का प्रैक्टिकल होगा।

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प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत रेकॉग्नीशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) का लाभ सेल बोकारो स्टील प्लांट के ठेका श्रमिकों तक पहुंचाने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। बीएसएल ने बोकारो इस्पात एजुकेशनल ट्रस्ट (बीआईईटी) के सहयोग से भारतीय लौह और इस्पात क्षेत्र कौशल परिषद (आईआईएसएसएससी) के साथ एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है।
इस ऐतिहासिक समझौते का उद्देश्य उद्योग में ठेका श्रमिकों की पूर्व शिक्षा यानी रेकॉग्नीशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आर.पी.एल.) को मान्यता देना, उनके कौशल एवं पेशेवर विकास को आगे बढ़ाना और उनकी समग्र क्षमता को विकसित करना है।

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यह समझौता ज्ञापन, ठेका श्रमिकों को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो श्रमिकों को उनके कार्य अनुभव के माध्यम से हासिल किए गए कौशल और ज्ञान के लिए औपचारिक मान्यता प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा, जिससे व्यावहारिक विशेषज्ञता और औपचारिक योग्यता के बीच का अंतर कम हो जाएगा। गौरतलब है कि आईआईएसएसएससी द्वारा बीएसएल के ठेका श्रमिकों को प्रदान किए जाने वाले सर्टिफिकेट की मान्यता पूरे देश में होगी।

इस ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर अधिशासी निदेशक (संकार्य) के कॉन्फ्रेंस हॉल में अधिशासी निदेशक (संकार्य) बीके तिवारी, अधिशासी निदेशक (वित्त एवं लेखा) सुरेश रंगानी, अधिशासी निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) राजन प्रसाद, और डॉ. सुशीम बनर्जी, सीईओ, (आई.आई.एस.एस.एस.सी.) की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ। इस अवसर पर बोकारो इस्पात संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक तथा विभागाध्यक्ष भी उपस्थित थे।

कार्यक्रम के शुरुआत में डॉ सुशीम बनर्जी, सी.ई.ओ. (आई.आई.एस.एस.एस.सी.) ने योजना के बारे में पूरी जानकारी दी। बोकारो स्टील प्लांट के साथ अपने सहयोग को भविष्य में और अधिक मजबूत करने का वादा किया। कहा कि यह समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) सभी हितधारकों के लिए फायदेमंद होगा और बोकारो के समावेशी विकास के लिए उत्प्रेरक से रूप में काम करेगा, अधिकाधिक कुशल कार्यबल से बोकारो स्टील प्लांट की उत्पादकता को और अधिक बढ़ाएगा।

रेकॉग्नीशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) की यह पहल बोकारो स्टील प्लांट से जुड़े ठेकेदार श्रमिकों के लिए पेशेवर संभावनाओं और कैरियर की प्रगति के अवसरों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उनके पास मौजूद कौशल और दक्षताओं की पहचान और मूल्यांकन करके, उनके कौशल को और सुदृठ करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

अधिशासी निदेशक (संकार्य) बीके तिवारी ने इस एमओयू को एक ऐतिहासिक पहल बताते हुए कहा कि आर.पी.एल योजना के तहत ठेका श्रमिकों का प्रशिक्षण, मूल्यांकन और सर्टीफिकेशन, तीनों एक साथ हो सकेगा जिसका लाभ सभी को मिलेगा।

अधिशासी निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) राजन प्रसाद ने आर.पी.एल. के महत्व पर जोर दिया। एक कौशल पूल विकसित करने के उद्देश्य से स्थानीय युवाओं को कुशल बनाने के लिए योग्यता और क्षमता निर्माण केंद्र (सी.सी.बी.सी.) विकसित करने की भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा के बारे में विस्तृत रूप से बताया कि किस प्रकार से आई.आई.एस.एस.एस.सी. के साथ यह सहयोग पूरे बोकारो इस्पात संयंत्र के परिधीय क्षेत्र के विकास के लिए उपयोगी परिणाम देगा।

अधिशासी निदेशक (वित्त एवं लेखा) सुरेश रंगानी ने आरपीएल के महत्व को दोहराया और इस प्रयास को सफल बनाने के वहां उपस्थित सभी लोगों से सक्रिय रूप से शामिल होने का अनुरोध किया।