-सीटू द्वारा यह मुद्दा उठाया गया था कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई संबंधित व्यक्ति,पति,पत्नी,नॉमिनी तक पहुंचनी चाहिए, जैसा भी मामला हो।
अज़मत अली, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के अनगिनत ऐसे कर्मचारी और अधिकारी हैं, जिनका करोड़ों रुपए कंपनी के पास जमा है। लेने वाला कोई नहीं है। करोड़ों रुपए पर दावा नहीं करने की वजह से यह राशि सेल इम्प्लाई सुपर एन्युएशन बेनीफिशिएशन फंड-एसईएसबीएफ (SESBF) के पास जमा है।
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अब कवायद की जा रही है कि यह राशि कर्मचारियों और अधिकारियों के परिवार वालों को लौटाई जाए। इसके लिए सेल के सभी प्लांट में तैयारियां शुरू की जाएंगी। अनक्लेम्ड एमाउंट को लौटाने के लिए सूची तैयार की जाएगी। विज्ञापन, ट्रेड यूनियन, सोशल मीडिया के माध्यम से परिवार तक पहुंचा जाएगा और उन्हें राशि लौटाई जाएगी।
SAIL के एसईएसबीएफ के अंतर्गत समय-समय पर लावारिस खाते पड़े रहते हैं। सीटू द्वारा यह मुद्दा उठाया गया था कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई संबंधित व्यक्ति,पति,पत्नी,नॉमिनी तक पहुंचनी चाहिए, जैसा भी मामला हो।
इस संबंध में यह निर्णय लिया गया है कि संयंत्रवार दावा न किए गए खातों को एकत्र किया जा सकता है और उन सदस्यों तक प्रबंधन द्वारा संबंधित स्थानीय मीडिया में विज्ञापनों के माध्यम से, संयंत्रों के सोशल मीडिया समूहों का उपयोग करके, यूनियनों और संघों के प्रयासों से पहुंचा जा सकता है।
जानिए सेल पेंशन योजना पर क्या है हालात
SESBF के प्रबंध न्यासी और न्यासी की बैठकें निवेश की स्थिति की निगरानी के लिए समय-समय पर आयोजित की जाएंगी। सेल पेंशन योजना (एसपीएस) को द्विपक्षीय रूप से तैयार किया गया था, जिसे बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया गया था और सेल प्रबंधन, यूनियनों और एसईएफआई के न्यासी बोर्ड का गठन करके सेल द्वारा कार्यान्वित किया गया था।
हालांकि सेल पेंशन योजना के तहत कोष को सभी हितधारकों की सहमति और अनुमोदन के बिना एनपीएस में स्थानांतरित कर दिया गया था। एनपीएस में कमी और सामाजिक सुरक्षा के संरक्षण पर अनिश्चितताओं को देखते हुए काफी संख्या में श्रमिकों ने एनपीएस का विकल्प नहीं चुना और एसपीएस के तहत जारी रखने का फैसला किया। हालांकि, उन्हें देय अंशदान सेल द्वारा लंबे समय तक रोके रखा जाता है, जो श्रमिकों के हितों के लिए हानिकारक है।
इस पृष्ठभूमि में, न्यासियों ने सेल के महाप्रबंधक (पीएंडए) से मुलाकात की। सीटू नेताओं ने कहा कि सेल पेंशन योजना के तहत उन कर्मचारियों के कारण योगदान/कॉर्पस, जिन्होंने एनपीएस का विकल्प नहीं चुना है, को जल्द से जल्द एसईएसबीएफ में स्थानांतरित किया जाना चाहिए। आवाज उठाने वालों में पी पन्नीर सेल्वम, काली सान्याल, डीवीएस रेड्डी, सिमंत चटर्जी ने न्यासियों की बैठक में भाग लिया।
फंसा पैसा निकालने के लिए कानूनी लड़ाई की भी तैयारी
एसईएसबीएफ के तहत कुल सदस्य संख्या फरवरी 2023 तक 56808 हैं। 20 फरवरी 2023 तक कुल निवेश 2311.46 करोड़ रुपये का है। एसईएसबीएफ ने मई 1998 में यूपी को-ऑपरेटिव स्पिनिंग मिल्स फेडरेशन लिमिटेड में 50 लाख रुपये का सुरक्षित प्रतिदेय निवेश किया।
संचित ब्याज और परिपक्वता राशि लंबे समय से बकाया थी। बार-बार मामला उठाया गया। चर्चा के बाद, यह निर्णय लिया गया है कि इस मुद्दे को संबंधित अधिकारियों के साथ निरंतर आधार पर उठाया जाए और सुरक्षित निवेश को भुनाने के लिए सभी प्रयास किए जाएं, जिसमें कानूनी प्रक्रिया का विकल्प भी शामिल है।