- देश में ब्याज के संबंध में EPFO नियंत्रण प्राधिकरण नहीं है।
सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। ईपीएस 95 पेंशन (EPS 95 Pension) को लेकर एक और खबर पढ़िए। न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए को बढ़ाकर 7500 रुपए करने की वकालत की जा रही है। आखिर इस मांग को सरकार और ईपीएफओ (EPFO) पूरा कब करेगी। यह तय नहीं है। लेकिन, पेंशनभोगियों (Pensioners) के दिल की बात को आप सूचनाजी.कॉम में विस्तार से पढ़ने जा रहे हैं। EPS 95 पेंशनर्स (Pensioners) के मन की बात साझा करने का प्लेटफॉर्म Suchnaji.com बना हुआ है। इसलिए आप यहां विस्तार से पेंशनर्स के बारे में खबरें पढ़ रहे हैं।
आपको स्पष्ट कर दें कि सूचनाजी.काॅम अपना विचार नहीं प्रस्तुत कर रहा है। पेंशनर्स के विचार को समाचार के रूप में पेश किया जा रहा है। पेंशनर्स रामकृष्ण पिल्लई ने ईपीएफओ के नोटिफिकेशन की कॉपी शेयर करते हुए पोस्ट किया कि निम्नलिखित स्पष्टीकरण 12% ब्याज व्यवस्था पर आधारित है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ब्याज में कमी आई है। यहां तक कि आधे से भी कम।
देश में ब्याज के संबंध में EPFO नियंत्रण प्राधिकरण नहीं है। फिर भी EPFO वादा किए गए पेंशन का, यानी 33 साल की पेंशन योग्य सेवा पर पेंशन योग्य वेतन का 50% भुगतान कर रहा है। अन्य मामलों में आनुपातिक रूप से उच्च या निम्न पेंशन। परिणामस्वरूप निधि घाटे में है। यही मैं समझता हूं ।
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पेंशन फंड का प्रदर्शन अच्छा है, तो वार्षिक बोनस ही एकमात्र संभावना
एक अन्य पेंशनर्स ने ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन (EPS 95 Minimum Pension) पर खुलकर अपनी बात साझा की। लिखा गया कि ईपीएस पेंशन, स्व-वित्तपोषित पेंशन योजना में वृद्धि की बहुत कम संभावना है। यदि पेंशन फंड का प्रदर्शन अच्छा है, तो वार्षिक बोनस ही एकमात्र संभावना है।
सरकारी सहायता से न्यूनतम पेंशन में वृद्धि एक व्यक्तिपरक संभावना है। यह सरकार की प्राथमिकता और उदारता पर निर्भर करता है। ईपीएस पेंशनभोगी वर्तमान में राजनीतिक दलों के लिए वोट बैंक नहीं हैं।
प्रधानमंत्री मोदी खुद भारत के वरिष्ठ नागरिक होने के नाते खुश हैं?
पेंशनभोगी रमेश नंदावर का विचार आया कि भारत के वरिष्ठ नागरिकों के संबंध में यह भारत सरकार की पूरी तरह से लापरवाही है। क्या भारत सरकार या हमारे प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) खुद भारत के वरिष्ठ नागरिक होने के नाते खुश हैं? भारत सरकार आर्थिक रूप से मजबूत लोगों के लिए जाति के नाम पर करोड़ों खर्च कर रही है। लेकिन उन्होंने भारत के वरिष्ठ नागरिकों के लिए क्या किया?
जो व्यक्ति 70 वर्ष की आयु के बाद भी मात्र 1000 रुपये प्रति माह पेंशन पा रहा है, वास्तव में यह भारत सरकार के लिए शर्मनाक है और साथ ही उस व्यक्ति के लिए भी शर्मनाक है जिसने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी देरी की…।