Steel Sector: इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की लेबलिंग और ब्रांडिंग पर बड़ी बैठक, SAIL, NMDC की भी भूमिका

  • इस्पात मंत्रालय की सलाहकार समिति ने इस्पात क्षेत्र के उत्पादों की लेबलिंग और ब्रांडिंग शुरू करने की प्रथम पहल पर चर्चा करने के लिए बैठक की।
  • सभी प्रमुख आईएसपी और 65 प्रतिशत स्टील उत्पादों के साथ मेड इन इंडिया ब्रांडिंग की सफल शुरुआत। दूसरे चरण में एसएसपी को भी शामिल किया जाएगा।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। ‘मेड-इन-इंडिया’ इस्पात उत्पादों की वैश्विक बाजार में ब्रांडिंग और लेबलिंग शुरू करने के लिए इस्पात मंत्रालय और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा अपनी तरह की पहली अनूठी पहल शुरू की है।

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इसकी प्रगति पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को इस्पात मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक बुलाई गई थी। भारतीय इस्पात उत्पादों को खरीदारों के लिए अधिक आकर्षक बनाने के अलावा, इससे माल की मानकीकृत गुणवत्ता भी सुनिश्चित होगी।

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केंद्रीय इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस्पात राज्य मंत्री, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, संसद सदस्य जनार्दन सिंह सिग्रीवाल और  अखिलेश प्रसाद सिंह, इस्पात मंत्रालय और इसके इस्पात पीएसयू के अधिकारी भी उपस्थित थे। सेल चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश समेत एनएमडीसी के सीएमडी भी मौजूद रहे।

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‘मेक इन इंडिया’ ब्रांड दृष्टिकोण पर फोकस

बैठक की शुरुआत ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया द्वारा सांसदों के सामने एक औपचारिक प्रस्तुति के साथ हुई, जिसने भारतीय इस्पात उद्योग को बढ़ावा देने और प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ ब्रांड दृष्टिकोण को साकार करने में ब्रांडिंग के महत्व पर प्रकाश डाला।

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उन्होंने भारत को दुनिया के “विनिर्माण केंद्र” के रूप में निर्मित करने के प्रयासों पर भी जोर दिया, जिसके लिए भारतीय इस्पात के एक एकीकृत और विशिष्ट पहचान की आवश्यकता है, जो इसकी गुणवत्ता, अनुसंधान और स्थायी तरीकों को प्रदर्शित करे।

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2022 की शुरुआत का अब दायरा बढ़ा

ज्योतिरादित्य सिंधिया के मार्गदर्शन में इस्पात मंत्रालय ने सितंबर 2022 में इस्पात उद्योग, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), और भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI) सहित प्रमुख हितधारकों के साथ मिलकर भारतीय इस्पात उत्पादों की ब्रांडिंग को एक निश्चित दिशा प्रदान करने के लिए सहयोगात्मक प्रयास शुरू किए। मेड इन इंडिया ब्रांडिंग में उत्पाद के विवरण के साथ घरेलू इस्पात उत्पादों की लेबलिंग और एक क्यूआर कोड के साथ मेड इन इंडिया लोगो शामिल होता है।

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इस्पात मंत्रालय ब्रांडिंग प्रक्रिया शुरू करने वाला पहला मंत्रालय

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह किसी भी मंत्रालय द्वारा क्षेत्र के उत्पादों की लेबलिंग और ब्रांडिंग शुरू करने का यह पहला प्रयास है। उन्होंने उल्लेख किया कि इस्पात मंत्रालय (Steel Ministry) इस तरह की ब्रांडिंग प्रक्रिया शुरू करने वाला पहला मंत्रालय है, जहां भारत में निर्मित स्टील के लिए एकल ब्रांड पहचान भारत की मजबूत विनिर्माण क्षमता का द्योतक होगी।

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जानिए इस्पात मंत्री ने क्या-क्या कहा

-केंद्रीय मंत्री ने इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि सभी प्रमुख आईएसपी के चुनिंदा उत्पादों के लिए मेड इन इंडिया ब्रांडिंग शुरू की गई है।

-लेबल और क्यूआर कोड प्रमाणीकरण के लिए आईएसपी- क्यूसीआई पोर्टल एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) एकीकरण भी पूरा हो गया है।

-अगले चरण में अधिक उत्पादों के साथ-साथ एसएसआई (द्वितीयक इस्पात उद्योग) के उत्पादों को शामिल करने के लिए रोलआउट का विस्तार किया जाएगा।

-मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी), अहमदाबाद को लेबल डिजाइन करने के लिए नियुक्त किया गया है।

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मंत्री ने योजना की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी

• सभी आईएसपी और भारत के 65 प्रतिशत इस्पात उत्पादों को सभी उत्पाद श्रेणियों के लिए अंतिम रूप दिए गए सामान्य लेबल के साथ शामिल किया गया है।

• प्रत्येक लेबल के लिए मेड इन इंडिया लोगो का आकार और स्थान आवंटित किया गया है। डीपीआईआईटी द्वारा लोगो को अंतिम रूप दिए जाने तक मेड इन इंडिया टेक्स्ट का उपयोग किया जाएगा।

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• सिस्टम एकीकरण की प्रक्रिया को अक्टूबर के अंत तक सभी आईएसपी द्वारा सफलतापूर्वक पूरा और उसका परीक्षण कर लिया गया।
सभी आईएसपी ने अपने उत्पादों पर एक नया ‘मेड इन इंडिया (Made in India )’ लेबल तय करके अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में स्टील उत्पादों की 2-4 श्रेणियों को शामिल करना शुरू कर दिया है।

• स्टील उत्पादों की ‘मेड इन इंडिया (Made in India)’ ब्रांडिंग की औपचारिक शुरुआत जल्द ही करने की योजना बनाई जा रही है।

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आगे की राह: यह रणनीतिक योजना दो चरणों में होगी:

• चरण- I: आईएसपी (ISP) मेड इन इंडिया लेबल (Made in India Label) के साथ उत्पाद श्रृंखला में उत्तरोत्तर वृद्धि करेंगे। यह चरण मार्च 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है।

• चरण-II: मेड इन इंडिया ब्रांडिंग (Made in India Branding) को विशिष्ट इस्पात संयंत्रों (एसएसपी) तक विस्तारित किया जाएगा।

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